वन मण्डल कोरबा के मटेरियल सप्लाई टेण्डर में गड़बड़ी, निविदा को लेकर गंभीर शिकायत, गुपचुप तरीके से चहेते ठेकेदार को टेण्डर देने का लगा आरोप
कोरबा 29 दिसम्बर। कोरबा वनमण्डल में एक बार फिर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। कोरबा डिविजन में मटेरियल सप्लाई टेण्डर में गड़बड़ी की बात सामने आई है। टेण्डर डालने वाले एक ठेकेदार ने मामले की शिकायत वनमण्डलाधिकारी एवं जिला कलेक्टर से की थी, जिसके बाद टेण्डर को निरस्त कर पुनः गुपचुप तरीके से चहेते ठेकेदार को दिये जाने का आरोप लगाये गये है। वनमण्डल कोरबा के डिविजन कोरबा में राड, पुट्टी एवं रेत सप्लाई की निविदा 10 दिसंबर को निकाली गयी थी। सुखनंदन प्रसाद साहू ने टेण्डर फार्म क्रमांक 3, 10, दिसंबर की 12 बजे के पूर्व क्रय किया था। सुखनंदन प्रसाद, टेण्डर फार्म भरकर दोपहर लगभग 1.30 बजे कार्यालय पहुंचा। तब तक कार्यालयीन कर्मचारियों द्वारा निविदा पेटी को बंद कर दिया गया था। जबकि निविदा फार्म में या अन्य कहीं पर भी समय का उल्लेख नहीं किया गया है। मामले की शिकायत कर उक्त टेण्डर को निरस्त किये जाने की मांग की गयी थी। बताया जा रहा है कि 10 दिसंबर के टेण्डर को निरस्त कर दिया गया। दोबारा गुपचुप तरीके से 14 दिसंबर को टेण्डर निकालकर उसे चहेते ठेकेदार को दे दिया गया है। शिकायतकर्ता की मानें तो उसे पुनः निविदा को लेकर किसी तरह की सूचना नहीं दी गयी है। जबकि वह प्रोजेक्ट के काम से 14 दिसंबर को वनमण्डलाधिकारी कार्यालय भी गया हुआ था। बताया जा रहा है कि मटेरियल सप्लाई का मनमाने रेट में निविदा कर सरकारी पैसे का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है। बहरहाल मामले की जांच के बाद इसका खुलासा हो सकेगा। नाम व छापने की शर्त पर वनविभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि ठेकेदार को पुट्टी का काम मिला है, जिसका रेट 1600 है। वहीं राड का सबसे कम रेट 58 रू. प्रति किलो था, जिसे निविदा मिला था और तो और रेत का रेट भी 900 रू. प्रति घनमीटर दिया गया है। बताया जाता है कि अधिक दर पर ठेका दिये जाने की शिकायत पर ठेका निरस्त जरूर किया गया। साथ ही अधिकारी द्वारा पुनः निविदा में कुछ रेट कम कराकर चहेते को बांट दिया गया है।