नया कृषि कानून साबित करता है कि मोदी सरकार सिर्फ बड़े व्यवसायिक दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए है – सत्येंद्र यादव

*पारित तीनो कृषि बिल कॉरपोरेट हितैषी है -अमर दास जिला सचिव आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़*

कृषि प्रधान देश मे किसानों को गुलाम बनाने की साज़िश के तहत यह बिल लाया गया है -मुशाहिद रज़ा मिडीया प्रभारी कोरबा छत्तीसगढ़

कोरबा 9 दिसम्बर। मौजूदा सरकार द्वारा कृषि कानून में बदलाव किये जाने के विरोध में देश भर के किसान संगठन आंदोलन पर है । देश के अलग अलग राज्यों से दिल्ली  आये किसान और किसान संगठन इस तीनों कृषि कानून का विरोध कर रहे है और सरकार से  मांग कर कर रहे हैं- ये तीनों कृषि कानून सरकार वापस लें ।

सत्येंद्र यादव जिला अध्यक्ष, आम आदमी पार्टी ने कहा कि नया कृषि कानून साबित करता है कि  मोदी सरकार सिर्फ बड़े व्यवसायिक दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए कानून बना रही है , उन्हें आम जनता और किसानों को कतई चिंता नहीं है। ये कानून हमारे देश के किसानों को स्थिति
बद से बदतर बना देगी।आज आम आदमी पार्टी ने पूरे छत्तीसगढ़ में सभी जिला मुख्यालयों में कानून की प्रतियां जलाकर इस काले कानून को वापस लेने की मांग करते हुऐ किसान भाईयों का पूर्ण समर्थन किया।

मीडिया प्रभारी मुशाहिद रज़ा ने कहा है कि यह तीनों बिल देश के  किसानों को भविष्य में गुलामी की ओर धकेल देगा। कृषक सशक्तिकरण व सरलीकरण हो या आवश्यक वस्तु संसोधन बिल हो अगर यह वास्तव में देश के किसानों के हित के लिए है सरकार को एम एस पी का लीगल राइट होना चाहिए ताकि भविष्य में यह किसान गुलामी की ओर जाने से बचे।

जिला सचिव अमर दास जी ने कहा कि आज हम कृषि कानून को वापस लेने के लिए दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों समर्थन में हमने आज कार्यक्रम किया है व उनके भारत बंद के आह्वान पर हम सब निकले है किसान संगठनों द्वारा भविष्य में जो भी रणनीति बनाई जाएगी हम उस अपना सहयोग देंगे।

आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व सैनिक राठौर जी एवं आप के प्रदेश प्रवक्ता विशाल केलकर जिला अध्यक्ष सत्येंद्र यादव आप sm के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रितेश साहू जिला सचिव अमर दास विधानसभा अध्यक्ष ओपी तिवारी युवा नेता इब्राहिम खान मीडिया प्रभारी मुशाहिद रज़ा जिला उपाध्यक्ष उमा शंकर जी मंजीत सिंह मनीष राजवाड़े सुनील विश्कर्मा परदेसिया विश्कर्मा आनंद सिंह चंदन तिवारी गौरव यादव साहिल यादव अन्य पार्टी पदाधिकारी शामिल हुए।

Spread the word