छत्तीसगढ के जामड़ी के श्री पाटेश्‍वर धाम (जिला बालोद) को पूर्णत: संरक्षित करे ! हिन्दूवादी संगठनों का राज्यपाल को निवेदन

रायपुर 3 दिसम्बर। छत्तीसगढ के जामड़ी के श्री पाटेश्‍वर धाम हिन्दूओं के आस्था का केंद्र है । यह स्थान भगवान श्रीरामचंद्रजी की माता कौशल्या जी की जन्मभूमि स्थली है, ऐसी लोगो की आस्था है। इस कारण इसे विशेष महत्त्व प्राप्त हुवा है। लाखों भक्तों की आस्था एवं समरसता का केंद्र बने श्री पाटेश्‍वर धाम में अब भारत देश के कोने-कोने से श्रद्धालु भक्तों का आगमन होता है। इसके साथ ही हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक, उज्जैन महाकुंभ में छत्तीसगढ़ के नाम से प्रदेश का एकमात्र सेवा कैंप लगाकर आम जन मानस एवं भारत वर्ष से आने वाले तीर्थ यात्रियों की सेवा भी पाटेश्‍वर सेवा संस्थान द्वारा की जाती है। यहा गोवंशो की सेवा चल रही है। श्री पाटेश्‍वर धाम द्वारा निर्माण का कार्य चलते वन विभाग (बालोद) के द्वारा सेवा संस्थान को नोटिस दिए जा रही है। यह धार्मिक आस्था की दृष्टी से पूर्णत: अनुचित है। सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई का संपूर्ण श्रद्धालू हिन्दू समाज के मन मे रोष है। इस पृष्ठभूमि में हिन्दूवादी संगठनोंने 2 दिसम्बर को राज्यपाल अनुसूइया उइके इनको निवेदन देकर छत्तीसगढ के जामड़ी के श्री पाटेश्‍वर धाम को पूर्णत: संरक्षित करने की मांग की। इस पर राज्यपाल ने हिन्दूवादी संगठनों के शिष्ठ मंडल को धाम को संरक्षित करने का आश्‍वासन दिया ।

राज्यपाल को निवेदन देते समय रायपूर के शदानी दरबार के पूजनीय उदय शदानी महाराज, भिलाई के श्री पाटेश्‍वर धाम संस्थानके श्री दाताराम साहू, सामाजिक कार्यकर्ता श्री सुभाष आगलावे, गोरक्षक श्री उमेश बीसेन, शदानी दरबार के श्री चंद्रहास गावरा, प. पू. श्रीराम बालकदास जी महाराज, श्री दिलीप तलरेजा, हिन्दू जनजागृति समितिके श्री हेमंत कानसकर, श्री मंगेश खंगन आदी मान्यवर उपस्थित थे।

छत्तीसगढ के जामड़ी के श्री पाटेश्‍वर धाम में सन 1975 में परम पूज्य सद्गुरुदेव संत श्री रामजानकीदास जी महात्यागी का आगमन हुआ था। जहां क्षेत्रीय वनवासियों के द्वारा महाराजश्री को निवेदन कर आदिवासियों के प्राचीन देवस्थान में निवास करने का आग्रह किया। जिसके कारण इस स्थान में धीरे-धीरे क्षेत्रीय लोगों के द्वारा धार्मिक आयोजन एवं निर्माण कार्य शुरू किया गया। प्रतिवर्ष मेला महोत्सव जैसे माघी पूर्णिमा, हनुमान जयंती, गुरु पूर्णिमा आदि में लगभग 25 से 30 हजार श्रद्धालु भक्तों का आगमन यहा एक ही दिन में होता है। पाटेश्‍वर धाम मंदिर परिसर में आने वाले सभी दर्शनार्थियों के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाती है। यह स्थान माता कौशल्या जी की जन्मभूमि स्थली होने के कारण वर्तमान में 25 करोड लागत से बनने वाला मां कौशल्या जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्रगति पर है । 15 वर्षों में निर्माण पर 8 करोड़ खर्च हो चुका है। इसमें सभी जाति पंथ के महापुरुषों एवं देवी देवताओं की 45 मूर्ति स्थापित है। आम जनमानस की सुविधा के लिए शासन द्वारा आवागमन को सुलभ बनाने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा 5 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है । इसके साथ ही विद्युत पेयजल मंगल भवन, सामुदायिक भवन, सीसी रोड निर्माण, कार्य कला मंच सहित का भी निर्माण किया गया है। सरकार ने कार्रवाई करनेसे पूर्व इन सब बातों की ओर ध्यान देना आवश्यक है। सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई का हिंदुत्ववादी संगठन, सामाजिक एवं धार्मिक संगठन के साथ अखिल भारतीय आखाडा परिषद, वैष्णव आखाडे, वैष्णव संप्रदार, महामंडलेश्‍वर, तथा संतो ने विरोध किया है। धार्मिक आस्था पर प्रशासन द्वारा कोई आघात होता है, तो उस का हिंदू समाजद्वारा कडा विरोध हो सकता है, यह ध्यान मे लेना चाहिये।

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