कोरबा 18 मार्च। कोरबा जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बढ़ती मरीजों की संख्या के साथ सुविधाओं के विस्तार की प्रक्रिया जारी है। आईपीडी में मरीजों की संख्या बढने की वजह से बेड कम पड़ रहे हैं। प्रबंधन को मरीजों के इलाज के लिए ट्रामा सेंटर भवन के हॉल में बेड लगाने पड़ रहे हैं। स्थिति यह होती है कि हॉल भी अब कम पडने लगे हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए अस्पताल परिसर में 50 बेड वाली नए भवन की स्वीकृति दी है। इसका निर्माण कार्य भी चल रहा है। दो से तीन साल के भीतर अस्पताल में 510 बेड से अधिक हो जाएंगे।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीन जिला अस्पताल और ट्रामा सेंटर में मरीजों के इलाज शुरू होने के साथ ही प्रबंधन के पास अब 420 बेड है। अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 800 से अधिक ओपीडी (आउट पेंशन डिपार्टमेंट) और आईपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट) में रोजाना करीब 80 से अधिक मरीज इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। इस कारण जिला अस्पताल और ट्रामा सेंटर के भवन के वार्डों के साथ ही हॉल में भी मरीजों के लिए बेड लगाकर इलाज किए जा रहे हैं। जबकि हॉल से अन्य मरीज के साथ परिजनों की आवाजाही होती है। इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। हालांकि इस समस्या को दूर करने के लिए शासन ने दो नए भवन को स्वीकृति दी है। इसमें शासन ने 50 बेड वाली भवन 16.63 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।

निर्माण एजेंसी सीजीएमएस को बनाया गया है। ठेका कंपनी ने अस्पताल परिसर के उद्यान की साफ-सफाई के साथ निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि इस भवन निर्माण के कार्य के लिए अभी दो वर्ष का तक समय लग जाएगा। भवन निर्माण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मरीजों को सुविधा का लाभ मिलेगा। यह भवन निर्माण के बाद प्रबंधन को हैंडओवर के बाद अस्पताल में बेड की संख्या 470 बेड हो जाएगी। इसके अलावा 40 बेड वाली आई हॉस्पिटल की भी स्वीकृति मिली है। 50 बेड और 40 बेड अस्पताल का भवन निर्माण पूरा होने के बाद बेड की संख्या 510 बेड हो जाएगी। गौरतलब है कि जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के अधीन होने के बाद से अस्पताल में सुविधा बढ़ी है। इससे सरकारी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसमें सबसे अधिक ग्रामीण, मध्यम वर्गीय व गरीब परिवार के लोग अस्पताल पहुंचते हैं।

Spread the word