नगर निगम कोरबा के SE एम के वर्मा पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप, PMO ने दिया जांच का आदेश

कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन अध्यक्ष असलम खान ने की है शिकायत

कोरबा 31 जनवरी। नगर निगम कोरबा में अधीक्षण अभियंता एम. के. वर्मा द्वारा किए गए करोड़ों रुपये के कथित भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है। नगर निगम कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष असलम खान ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालक, कोरबा कलेक्टर और निगम आयुक्त तक पहुंचाई थी। इस गंभीर मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने छत्तीसगढ़ मंत्रालय में पदस्थ अंडर सेक्रेटरी मनोज कुमार मिश्रा को जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी प्रतिलिपि असलम खान को भी प्राप्त हुई है।

सड़क निर्माण कार्य में बड़ा घोटाला, मानकों को किया अनदेखा

नगर निगम कोरबा के सड़क निर्माण कार्य में अधीक्षण अभियंता द्वारा भारी गड़बड़ी की गई। श्रद्धा कंस्ट्रक्शन कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाते हुए मानक दर्जे के SS-1 Grade IS: 8887 इमलसन की जगह SS-1 Grade ASTM का उपयोग किया गया।

शासन और लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित नियमों को ताक पर रखते हुए इस अमानक इमलसन का वेरिफिकेशन तक नहीं करवाया गया। असलम खान द्वारा सूचना का अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेजों से यह साबित हो चुका है कि अधीक्षण अभियंता एम.के. वर्मा ने खुद इस पूरे घोटाले की साजिश रची।

नियमों को ताक पर रखकर एक दिन में स्वीकृत हुआ ठेका, ठेकेदारों के भुगतान में भी गड़बड़ी

श्रद्धा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किए गए निर्माण कार्य का पुनरीक्षित प्राक्कलन मात्र एक ही दिन में स्वीकृत कर भुगतान भी तत्काल कर दिया गया, जबकि अन्य ठेकेदार महीनों तक भुगतान के लिए भटकते रहते हैं।

किसी भी सड़क निर्माण कार्य में आइटम बदलने से पहले ट्रैफिक सेंसस टेस्ट और ट्रैफिक लोड टेस्ट करना आवश्यक होता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।

1500 मीटर की सड़क की लंबाई घटाकर सिर्फ 600 मीटर कर दी गई, ताकि लागत बढ़ाकर घोटाला किया जा सके।

प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश के बाद सख्त कार्रवाई की मांग

इस घोटाले की पूरी जांच होने तक अधीक्षण अभियंता एम.के. वर्मा का मासिक वेतन, निगम की सुविधाएं और पेंशन तत्काल रोकी जाए। शासन को हुए करोड़ों के नुकसान की भरपाई वर्मा से वसूलने की मांग उठ रही है।

इतना ही नहीं, एम. के. वर्मा ने सूचना का अधिकार के तहत अभी भी दो रोड निर्माण कार्यों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की है, जिससे संदेह और बढ़ गया है।

क्या एम. के. वर्मा पर होगी कड़ी कार्रवाई या फिर यह मामला भी फाइलों में दबा दिया जाएगा? अब सभी की नजरें जांच के नतीजों पर टिकी हुई हैं। मूल शिकायत निम्नानुसार है-

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