बांग्लादेश: अब राजनीतिक दलों और छात्रों में टकराव के आसार
ढाका। बांग्लादेश में जिस जुलाई- अगस्त जनविद्रोह के कारण मौजूदा सरकार अस्तित्व में आई, अब उसी क्रांति की घोषणा को लेकर छात्र और देश के प्रमुख राजनीतिक दल बीएनपी आमने-सामने आ गए हैं। छात्रों ने 31 दिसंबर को मुहम्मद यूनुस सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि वह 15 जनवरी तक जुलाई- अगस्त क्रांति की औपचारिक घोषणा करें। इस घोषणा में जनक्रांति की उचित सराहना करें और इसमें जिन छात्रों ने बलिदान दिए, जिनका योगदान रहा उसका उल्लेख किया जाए। पर इसको लेकर अब तक राजनीतिक दलों में हुए विचार- विमर्श में कोई आम सहमति नहीं बन पाई है।
बांग्लादेश के सबसे बड़े राजनीतिक दल बीएनपी ने छात्रों की इस मांग पर सवाल उठाए हैं। बीएनपी ने कहा है कि आंदोलन को काफी समय बीत चुका है और इतने समय बाद इस घोषणा का औचित्य नहीं रह जाता। दूसरी ओर अवामी लीग की राजनीतिक अनुपस्थिति के बीच दूसरा सबसे बड़ा राजनीतिक दल जमात ए इस्लामी जुलाई-अगस्त 2024 की क्रांति को 1971 के मुक्ति संग्राम की ही तरह दर्जा देना चाहती है। माना जा रहा है कि जमात अब अपने को बीएनपी का सहयोगी दल मात्र नहीं बल्कि सत्ता की दावेदार पार्टी के रूप में देख रही है।