वन विभाग व एटीआर की टीम ने मुस्तैदी से टाला खतरे को

बाघिन ने किया मरवाही का रूख

कोरबा 28 दिसम्बर। कटघोरा वनमंडल में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों तथा एटीआर की टीम ने बाघिन के खतरे को बड़ी मुस्तैदी से टाल दिया है। दोनों ही टीम द्वारा बाघिन की लगातार निगरानी की जाती रही।

फलस्वरूप बाघिन ने एक सप्ताह की मौजूदगी के बावजूद कुछ मवेशियों के अलावा बड़ा नुकसान नहीं किया और बीती रात मरवाही डिविजन का रूख कर लिया। बाघिन के अन्यत्र जाने से यहां के अमले और ग्रामीणों ने फिलहाल राहत की सांस ली है। अब बाघिन के वापस अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र जाने की संभावना बढ़ गई है। क्योंकि बाघिन ने अचानकमार से मरवाही के रास्ते कटघोरा वनमंडल में प्रवेश किया था और यहां लगातार विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर आतंक मचा रही थी। इस दौरान पसान रेंज के अलावा केंदई में भी पहुंच गई थी। केंदई रेंज के साल्ही पहाड़ तथा कोरबी के निकट दो दिनों तक विचरण करने के बाद वापस पसान रेंज पहुंची और यहां के तनेरा और लैंगा सर्किल में विचरण करने के बाद बीती रात आगे का रूख की और जंगल ही जंगल होते हुए पसान रेंज की सीमा को पार कर मरवाही जंगल पहुंच गई।

इस दौरान वन विभाग की टीम और एटीआर की सदस्यों द्वारा लगातार निगरानी की जाती रही। ज्ञात रहे बाघिन के अचानक पहुंचने से वन विभाग में हडकंप मच गया था। बाघिन की ट्रैकिंग के लिए एटीआर की टीम को बुलानी पड़ी थी। डीएफओ कुमार निशांत एवं उनकी टीम ने भी काफी सक्रियता का परिचय दिया तथा जहां-जहां बाघिन की दस्तक होती थी फौरन मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को सचेत करने के साथ-साथ निगरानी में जुट जाते थे।

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