पोडी उपरोडा ब्लाक के कुल्हरिया पंचायत में घोटालों पर कलेक्टर से कार्रवाई की मांग
कोरबा 21 अक्टूबर। जिले के विकासखंड पोडी उपरोडा के ग्राम पंचायत कुल्हरिया मे सरकार की विभिन्न हितग्राही मूलक योजना संचालित है। केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला आदि जनहित को ध्यान में रखते हुए कल्याणकारी योजना चलाई जा रही है। यह कहना गलत नहीं होगा कि, वैश्विक महामारी कोरोना की आड मे, पंचायत के जिम्मेदार लोगों द्वारा मूलभूत राशियों का कर रहे बंदरबांट, ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव के अलावा रोजगार सहायक का इन योजनाओं मे बुरी नजर लग गई है। ग्रामीणों का कहना है कि लगभग एक दशक से रोजगार सहायक द्वारा शासन की योजनाओं को आम जनता के नाम से स्वीकृत कर इनके द्वारा लीपापोती कर लोगों के अज्ञानता का फायदा उठाते हुए, जनता के अधिकारो का हनन किया जा रहा हैं। पीड़ित ग्रामीण अमृत उदराज सिंह ने बताया कि सन दो हजार सोलह सत्रह का सुकृत आवास निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। इसके बावजूद हितग्राहियों का फर्जी तरीके से पूर्ण निर्माण कार्य का फोटो अपलोड कर हितग्राहियों को झांसा देकर पैसा निकाल लिया गया है और निर्माण कार्य आज तक नहीं किया गया है। बल्कि ग्रामीण हितग्राहियों द्वारा मजदूरी भुगतान स्वयं किया गया है। मनरेगा द्वारा संचालित कार्य में तालाब निर्माण कार्यों में मजदूरी करने वाले मजदूरों का भुगतान आज तक नहीं मिला है तथा जो व्यक्ति मजदूरी नहीं किया है। उसका फर्जी हाजिरी भरकर रोजगार सहायक के द्वारा अपने व्यक्ति विशेष को लाभ दिलाया गया है, जिस तारीख पर कार्य नहीं चला है उसमें भी फर्जी तरीके से मास्टर रोल जारी कराया गया है। जबकि उन व्यक्तियों द्वारा कार्य भी नहीं किया गया है जिन्हे कुछ पैसों का लालच देकर रोजगार सहायक द्वारा *महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीणरोजगार गारंटी* जैसे महत्वपूर्ण योजना मे फर्जीवाड़ा कर अब तक लाखों रुपए घोटाला किया जा चुका है। शिकायत करता हूं ने बताया की गांव में कैसा तालाब है जिस हर वर्ष उसी तलाब का शासन से सुकृति करा कर गहरीकरण के नाम से फर्जीवाड़ा किया जाता है।
*प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना* मे जिन पात्र ग्रामीणों का नाम उज्जवला योजना सूची में जारी हुआ है। उन्हें आज तक गैस चूल्हा सिलेंडर प्राप्त नहीं हुआ है। इंडियन गैस एजेंसी पसान कटघोरा प्रबंधक के द्वारा कुल्हरिया रोजगार सहायक को चयनित हितग्राहीयो को वितरण करने का काम सौंपा गया था, जिसे उसके द्वारा अपने चाहते जान पहचान के रिश्तेदारों को बेचने की कोरबा कलेक्टर से शिकायत की है।
इसी तरह *कार्ड सत्यापन एवं स्वच्छ भारत योजना* मे रोजगार सहायक द्वारा भारी धांधली की गई है। पूरे गांव में आज तक सैकड़ों शौचालय जस के तस अधूरे पड़े हुए हैं, जबकि रोजगार सहायक द्वारा फर्जी दस्तावेज मस्टरोल बनाकर विभाग को पूर्ण होने की जानकारी देते हुए राशि निकाल ली गई हैं। इन्हीं तमाम शिकायतों को लेकर बड़े आशा विश्वास के साथ ग्रामीण महिला पुरुषों ने कोरबा कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है।