एनटीपीसी के धनरास बांध से उड़ रही राखड़ के दुष्प्रभाव से ग्रामीण परेशान
कोरबा 15 सितंबर। सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम एनटीपीसी के कोरबा-पश्चिम स्थापित कोरबा वृहद ताप विद्युत संयंत्र में प्रतिदिन हजारो टन कोयला जलता हैं। उसके पश्चात उत्सर्जित राखड़ के युक्तायुक्त नियम जो प्रदूषण मंडल के निर्देशानुसार स्थापित किये जाते हैं, जिसमे उत्सर्जित राख के दुष्प्रभाव से बचा जा सके। उसके नियमानुसार राखड़ पानी में घुलकर मोटे-मोटे पाइपों के सहारे हवा के दबाव से राखड़ बांध तक पहुंचाया जाता हैं।
नियमानुसार बांध की तटीय दीवार की ऊचाई सुनिश्चीत हैं। इसके अलावा एकत्रित राख के ऊपर सदैव पानी की मोटी परत होनी चाहिए, और इसी की वजह से राखड़ हवा के साथ उड़ने नहीं चाहिए। यदि थोड़ी बहुत राखड़ उड़ी भी तो वह बांध की तटीय दीवारों से बाहर न निकल पाए। किंतु प्रबंधन के द्वारा सतत की जा रही अनदेखी ओर लापरवाही के कारण बांध के ऊपर जमा राख उड़कर आसपास की घनी आबादी के स्वास्थ्य के साथ बुरी तरह से खिलवाड़ कर रही हैं, ओर वहा बसे विस्थापित परिवारों के साथ आसपास की ही नहीं बल्कि दूर-दूर तक की आबादी प्रभावित हो रही हैं। इसी समस्या के निदान को लेकर सब आंदोलनरत हैं।
जिले के एनटीपीसी धनरास राखड़ बांध से दो ग्राम पंचायत धनरास और छुरीखुर्द सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। उन ग्राम पंचायत के प्रभावित परिवारों को एनटीपीसी प्रबंधन राखड़ रहने पर प्रतिदिन 300 रुपए के हिसाब से मुआवजा देता है। यह एक तरह से राखड़ खाने की क्षतिपूर्ति है। धनरास के लोगों को पहली बार 20 दिन का मुआवजा दिया गया है। 600 परिवारों को 36 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। लोगों ने 48 दिन का मुआवजा मांगा था। छुरीखुर्द पंचायत में तो 10 दिन का 650 परिवारों को 19 लाख 5 हजार मुआवजा दिया गया है। एनटीपीसी के धनरास राखड़ बांध से 500 मीटरनीचे ही ग्राम बसा हुआ हैं।
धनरास पंचायत अंतर्गत घमोटा, सलिहाभाठा और पुरेनाखार आश्रित ग्राम हैं। जहां 600 परिवार रहते हैं। इसी तरह छुरीखुर्द पंचायत में गांगपुर, उगई डुग्गू और झोरा आश्रित ग्राम हैं। यहां पर 650 परिवार रहते हैं। धनरास के ग्रामीण बताते हैं कि यहां नवंबर से जून तक राखड़ कभी भी उड़ते रहता है। इसकी वजह से कई बार पका हुआ की भोजन भी खराब हो जाता है। इसे लेकर ग्रामीणों के साथ 4 साल पहले बड़ा आंदोलन किया गया था। इसके बाद एनटीपीसी प्रबंधन ने राखड़ उड़ने पर रोजाना 300 रुपए की दर से मुआवजा देने की सहमति दी। साथ यह भी तय किया है कि 10 दिन का ही मुआवजा मिलेगा। मुआवजा राशि का वितरण पंचायत के माध्यम से ही होता है।
शादी, दशगात्र आदि में राखड़ उड़ने पर 15 हजार का मुआवजा
जानकारी के अनुसार ग्राम धनरास और छुरीखुर्द पंचायत में शादी, सगाई या दशगात्र के दिन राखड़ उड़ जाए तो 15 हजार मुआवजा का प्रावधान है। इस साल ग्राम धनरास में बलवान सिंह, कैलाश कुमार, श्याम बाई, बिशीलाल महंत व मनमोहन भारिया को इसका मुआवजा दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कार्यक्रम के दौरान राखड़ उड़ने से खाना खराब हो गया। 25 हजार से अधिक का नुकसान हुआ था।लेकिन मुआवजा मात्र 15 हजार ही मिला।
धूप निकलने के बाद उड़ते रहती हैं राखड़
ग्राम धनरास के ग्रामीणों का कहना है कि धूप निकलने के बाद राखड़ उड़ते रहता है। इससे खाना के साथ पानी भी प्रदूषित हो जाता है। रोज राख खाना पड़ रहा है। लेकिन मुआवजा 10 दिन का ही मिलता है। एनटीपीसी प्रबंधन राखड़ उड़ने से रोके, हमें मुआवजा नहीं चाहिए।
1250 लोगों को डेढ़ करोड़ का बांटा जा चुका है मुआवजा
एनटीपीसी प्रबंधन ने बताया की एनटीपीसी प्रबंधन राखड़ उड़ने का 4 साल से दोनों पंचायत के 8 ग्रामो के लोगों को मुआवजा राशि दे रहा है। दोनों पंचायतों में 1250 परिवार हैं। 4 साल में करीब डेढ़ करोड़ का मुआवजा बंट चुका है। छुरी खुर्द में इस साल अबतक 19 लाख 5 हजार का मुआवजा बंटा है।
अंतिम बार 2020-21 तक का 36 लाख 80 हजार का हुआ भुगतान
जानकारी के अनुसार राखड़ डैम से पानी रिसाव के कारण दोनों ही पंचायत में 168 किसानों की फसल खराब हो जाती है। किसानों को 3 साल का एक साथ मुआवजा दिया जाता है। लेकिन बताया जा रहा हैं की 3 साल से मुआवजा नहीं मिला है। अंतिम बार 2020-21 तक का 36 लाख 80 हजार 574 रुपए का मुआवजा मिला था।
मुआवजा प्रकरण बनाकर भेजा गया हैं एनटीपीसी कोः तहसीलदार राजेंद्र भारत
कोरबा जिले के दर्री तहसीलदार राजेंद्र भारत का इस मामले में कहना है कि फसल क्षति का मुआवजा प्रकरण बनाकर एनटीपीसी प्रबंधन को भेजा गया है। राशि मिलते ही भुगतान किया जाएगा।
मुआवजा वितरण कब होगा पूछकर ही बता पाऊंगीः एनटीपीसी पीआरओ ऊष्मा घोष
इस संबंध में एनटीपीसी जनसंपर्क अधिकारी ऊष्मा घोष से पूछा गया तो एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से दिए गए उनके कथन को और भी अधिक अपरिपक्व एवं गैरजिम्मेदाराना ठहराते हुए आंदोलनरत भू-विस्थापित और भी अधिक आघातित हुए, क्योंकि उन्होंने अपने व्यक्तव्य में कह दिया की इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं हैं। उच्च अधीकारियों से इस संबंध में वार्तालाप करके ही कुछ बता पाऊंगी। भू-विस्थापितो ने यह भी जानकारी दी हैं की उन्होंने कहा हैं की एनटीपीसी के धनरास राखड़ बांध से उड़ने के मुआवजा संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं हैं।