दो साल में पीएटी व पीवीटी के ढाई हजार परीक्षार्थी घटे

1384 परीक्षार्थियों में 799 अनुपस्थित, 585 उपस्थित

कोरबा 10 जून। कृषि संकाय बंद होने के कारण प्रीएग्रीकल्चर व प्री-वेटनरी टेस्ट यानि कृषि व पशुधन चिकित्सा प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या भी घटने लगी है। दो साल पहले पीएटी परीक्षा शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की तादात 4000 थी, वह घट कर डेढ़ हजार से भी कम हो गई है। रविवार को व्यापम ने पीएटी की परीक्षा का आयोजन किया। परीक्षा में 1384 परीक्षार्थियों को पंजीबद्ध किया गया था, जिसमें 799 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। परीक्षा में उपस्थित परीक्षार्थियों की तुलना में अनुपस्थितों की संख्या ज्यादा रही।

जिले को औद्योगिक जिला मानते हुए कृषि योजनाओं से वंचित किया जा रहा है। खेती व पशुधन विकास की शिक्षा विस्तार के लिए वर्ष 2008 में जिले के 10 स्कूलों में कृषि संकाय की शुरूवात की गई थी। जिन स्कूलों में संकाय संचालित थी उनमें कटघोरा, छुरी, पाली, कटघोरा, पोड़ी उपरोड़ा आदि स्कूल शामिल थे। वर्तमान में केवल दो ही सरकारी स्कूल करतला व भैसमा में ही कृषि संकाय का संचालन हो रहा है। हालिया स्थिति यह है कि कोरबा, कटघोरा पाली, पोड़ी उपरोड़ा के छात्र- छात्राओं को कृषि संकाय पढ़ना हो तो उन्हे करतला या भैसमा जाना पड़ रहा। कृषि में रोजगार की वृहत संभावना होने के बाद भी संकाय को बंद किया जाना विडंबना साबित हो रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी तामेश्वर उपाध्याय का कहना है कि जिन विद्यालयों कामर्स संकाय की आवश्यकता है वहां प्राचार्य आवेदन कर सकते हैं। कृषि संकाय के लिए भी शिक्षकों की सुविधा दी जाएगी। बताना होगा कि रविवार को आयोजित पीएटी व पीवीटी परीक्षा के लिए चार केंद्र बनाए गए थे।

निर्धारित केंद्रों में पंजीबद्ध 1384 परीक्षार्थी में 585 अनुपस्थित रहे। परीक्षा में अनुपस्थित विद्यार्थियों की संख्या से जिले में कृषि संकाय की कमी की समस्या व्यक्त कर दिया है। एक समय था जब जिले पीएटी व पीएवीटी में दर्ज संख्या अधिक होने से आठ से दस केंद्रों में परीक्षा आयोजित करनी पड़ती थी। बहरहाल रविवार की सुबह नौ से दोपहर 12.15 बजे आयोजित परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई थी। परीक्षा में शामिल होने के जारी किए गए प्रवेश पत्र के साथ आधार कार्ड भी लाना आवश्यक था। कार्ड नहीं लाने के कारण कई परीक्षार्थियों को केंद्र से वापस लौटना पड़ा। एक पाली में आयोजित औचक निरीक्षण के लिए प्रशासन की ओर से उड़नदस्ता टीम गठित की गई थी। एक भी केंद्र में नकल प्रकरण दर्ज नहीं किया गया।

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