कोरबा में आचार संहिता का उल्लंघन
एसईसीएल 15 ब्लॉक में 6 माह पूर्व सड़क बन चुकी है फिर आचार संहिता में टेंडर क्यों-सिन्हा
कोरबा। सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि पंप हाउस व 15 ब्लॉक मे कोरबा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी जय सिंह अग्रवाल के पक्ष में कांग्रेस द्वारा समाचार पत्रों में जारी एसईसीएल कॉलोनी पंप हाउस व 15 ब्लॉक में एसईसीएल कर्मचारियों की आवासीय कॉलोनी में सड़क जर्जर होने पर एसईसीएल कोरबा द्वारा 24 नवंबर 2023 को टेंडर खोले जाने की बात कही गई है इसका श्रेय कांग्रेस प्रत्याशी जय सिंह अग्रवाल द्वारा ली जा रही है जबकि प्रदेश में आचार संहिता लगा हुआ है ऐसी स्थिति में चुनाव पूर्व टेंडर या सड़क बनवाने की घोषणा करना मतदाताओं को प्रभावित कर रहा है।
सिन्हा ने आगे बताया कि कोरबा क्षेत्र के विधायक व राजस्व मंत्री 3 जुलाई को एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के अधीन आने वाले कुछ कॉलोनीयो का निरीक्षण किया था जिसमें कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सीएमडी एसईसीएल को एक पत्र लिखकर एसईसीएल कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाएं सड़क व 60 वर्ष पूर्व कर्मचारी व अधिकारियों के लिए बने आवास जो जर्जर हो चुका है छत का प्लास्टर व छज्जा गिरने के कारण पुराने आवास को तोड़कर नए आवास बनाने की मांग किए थे जिस पर वर्तमान व पूर्व कर्मचारियों ने पुराने आवास को तोड़ने की मांग का विरोध करते हुए निवासरत को मालिकाना हक देने की मांग की गई थी । सीएमडी के नाम से लिखे गए पत्र के परिणाम स्वरूप 15 ब्लॉक व पंप हाउस की सड़के मरम्मत हेतु 91 लाख 23412 का टेंडर जारी किया गया है जबकि एसईसीएल 15 ब्लॉक आवासीय कॉलोनी में 6 माह पूर्व सड़कों का निर्माण हो चुका है फिर 15 ब्लॉक के नाम पर टेंडर क्यों स्थित ? सिन्हा ने आगे बताया कि पंप हाउस में शासकीय प्राथमिक शाला से लेकर हाई स्कूल तक स्वयं के भवन में हिंदी माध्यम की पढ़ाई चल रही थी जिसे कांग्रेस वालों ने पंप हाउस की जनता से वादा किया था कि आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम की विद्यालय खोलने जा रहे हैं हिंदी मध्यम भी इसी विद्यालय में यथावत रहेगी हिंदी माध्यम की शासकीय पुस्तक भी छात्रों को घर-घर वितरण किया गया था लेकिन हिंदी माध्यम बंद कर दिया गया जबकि अभिभावकों द्वारा दो पालियो में लगाने की मांग जिला प्रशासन व छत्तीसगढ़ शासन से की गई थी लेकिन हिंदी मध्यम विद्यालय हमेशा के लिए बंद कर दिया गया जिसके चलते छात्रों को पंप हाउस से 4 किलोमीटर दूर अंधेरी कछार विद्यालय में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।