मुआवजा और रोजगार की मांग को लेकर परेशान विस्थापितों ने खुद पर डाला केरोसिन
कोरबा 30 अगस्त। विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में केरोसिन कांड लगातार सामने आ रहे हैं। धमतरी में जिला पंचायत सभा के दौरान एक आदिवासी सदस्य के द्वारा अध्यक्ष के रवैया से तंग आकर शरीर पर केरोसिन डाल लिया गया था। हालांकि उसे बचा लिया गया। इधर कोरबा में मंगलवार को ऐसे ही घटना हुई जिसमें जनदर्शन मैं पहुंचे विस्थापित समुदाय के लोगों ने अपने शरीर पर केरोसिन डाल लिया। यह लोग एनटीपीसी व प्रशासन के लचर रवैया से परेशान है। बाद में पोलिस ने इन लोगों को समझाइश दी। 2600 मेगावाट वाले कोरबा के नेशनल थर्मल पावर प्लांट से परियोजना क्षेत्र के लोगों की समस्याएं काफी समय से बनी हुई है जिन्हें अज्ञात कारणों से सुलझाने की कोशिश नहीं की जा रही है।
चारपारा क्षेत्र के लोगों की जमीन लगभग 40 वर्ष पहले एनटीपीसी के लिए ली गई थी तब से मुआवजा और रोजगार की समस्या कायम है। लगातार पत्राचार धरना प्रदर्शन और दूसरे प्रपंच करने पर भी मसाला जिसकी तस्वीर बना हुआ है। कोई भी रास्ता नहीं सूझने पर अब भुस्थापित तंग आ चुके है। इसलिए रक्षाबंधन त्योहार से पहले जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में भूस्थापित पहुंचे और अपने शरीर पर केरोसिन डालकर हड़कम्प मचा दिया। जनदर्शन में इस प्रकार के हालात समझौता पहली बार बने हैं जबकि इससे पहले दूसरे तरीके से लोगों ने अपने मसलों को लेकर विरोध दिखाने में रुचि ली। एनटीपीसी से जुड़ी विस्थापितों की रोजगार और मुआवजा की समस्या को बड़ा हादसा हो चुका है। पिछले दिनों इसी मामले को लेकर परेशान लोगों ने एनटीपीसी प्रगति नगर मुख्यालय में पहुंचकर जमकर बवाल मचाया था जबकि 22 अप्रैल से उनका धरना प्रदर्शन कोरबा के तानसेन चौराहे पर जारी है। इतना सब कुछ होने पर भी नतीजा नहीं आने से यह लोग आक्रोश में हैं। ऐसा लगता है कि किसी अप्रिय घटना के होने की प्रतीक्षा प्रशासन और एनटीपीसी प्रबंधन कर रहा है।