राताखार स्थानीय लोगों ने खोला मोर्चा, थमी रेत की चोरी
कोरबा 26 अगस्त। आम जनता अगर ठान ली तो उसके इरादों के आगे कहीं भी अवैध काम नहीं हो सकते और ना ही कोई इसकी हिम्मत कर सकता। कोरबा के राताखार क्षेत्र में हसदेव नदी से रेत चोरी करने वालों का मनोबल इन्हीं कारणों से ठंडा पड़ गया है। लोगो के द्वारा चोरी में लगे कुछ लोगों पर सीधा एक्शन लेने से ना तो गैंग दिख रही है और ना वाहन चालक।
यह बात सही है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा 15 जून से 15 अक्टूबर तक के लिए सभी स्थानों पर रेट खनन जैसी गतिविधियों को प्रतिबन्धित कर दिया गया है। लेकिन कोरबा जिले में लगातार इस प्रकार की शिकायत आ रही है की रेट माफिया अपने काम को बखूबी अंजाम देने में सफल हो रहे हैं। कई स्तर पर उनका नेटवर्क अपना काम कर रहा है। राताखार क्षेत्र में हसदेव नदी से रेत की चोरी भी पिछले अरसे से हो रही थी। इस पर रोक लगाने जतन किये गए जो नाकाम रहे। आखिरकार स्थानीय जागरूक लोगों ने टीम भावना से आगे बढकऱ ऐसे कृत्यों के खिलाफ मोर्चा खोला। इस कड़ी में चोरी में सहयोगी ट्रैक्टर चालको को समझाया गया कि लाइन छोड़े। जिन्होंने माना, वे बच गए। इसके बाद जिन्होंने चोरों के लिए ट्रैक्टर से रेत चोरी करने में साहस दिखायाए पब्लिक ने मौके पर ही उनकी ठुकाई कर दी। यह काम बारी बारी से हुआ। इसका नतीजा ये हुआ कि जानकारी साझा हुई। इससे वाहन चालक सतर्क हो गए कि अगर वे राताखार क्षेत्र में रेत चोरी करने जाएंगे तो ठुकाई से नहीं बच सकेंगे। अब की स्थिति में रेत चोर सकते में है और चालक भयभीत।
राताखार के नागरिक बताते है कि रेत चोरों ने कई जगह से प्राप्त संरक्षण का नाजायज लाभ लिया। अपने अवैध कार्य और स्वार्थसिद्ध करने के लिए हसदेव पर बने हुए कई घाटों को बर्बाद कर दिया। लोगों ने दोहराया कि प्रकृति से जुड़े वरदान को नुकसान पहुंचाने वालों से पूरी शक्ति के साथ निपटा जाएगा।