पंजाबी बिरादरी की जमीन को लेकर भ्रामक दुष्प्रचार – सुजीत सिंह गुलाटी
कोरबा 24 दिसंबर। पंजाबी बिरादरी की जमीन के बारे में भ्रामक प्रचार फैलाने के विषय में सुजीत सिंह गुलाटी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि वर्ष 1994 पंजाब बिरादरी के भवन निर्माण हेतु जमीन क्रय की गई थी। 10 वर्ष तक जमीन पंजाबी बिरादरी के आधिपत्य और नाम से थी, जमीन मटन-मछली मार्केट व शमशान घाट से लगी हुई थी जिसके कारण उन 10 वर्षों में उस रोड में कोई विकास नहीं हुआ, कुछ समय बाद अधिकांश बिरादरी के सदस्यों का मत वहां कुछ भी निर्माण करने का नहीं था, और कोई भी अन्य उपयोगिता किसी के समझ नहीं आई जिसके कारण निर्णय लिया गया कि उक्त जमीन को विक्रय किया जाए जिसका बिरादरी द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से इश्तिहार प्रकाशन भी कराया गया था परंतु मुक्तिधाम व मटन-मछली मार्केट होने के कारण किसी भी व्यक्ति ने उक्त पूरी जमीन को क्रय करने में अपनी इच्छा रुचि नहीं दिखाई।
श्री गुलाटी ने बताया कि उक्त जमीन को जब क्रय किया गया तब पंजाबी बिरादरी के अध्यक्ष के रूप में श्री कैलाश चंद लांबा जी पदस्थ थे। उनकी मृत्यु सन 2001 में हो गई थी जिसके पश्चात उक्त जमीन की देख-रेख हेतु बिरादरी द्वारा सुजीत सिंह गुलाटी को अधिकृत किया गया और कुछ वर्ष बाद 2004 में सर्व-सहमति से प्रस्ताव पारित किया गया कि उक्त जमीन को बेचना है। श्री गुलाटी ने कहा कि जोगेश लांबा व उनका पूरा परिवार हमेशा से बिरादरी के कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है और सहयोग करता रहा है। उसी विश्वास के साथ सभी बिरादरी वालों ने लांबा परिवार से आग्रह किया कि आप उक्त जमीन को क्रय कर लेवे क्योंकि बिरादरी उस जमीन में कुछ भी कार्य करने के पक्ष में नहीं है। तब लांबा परिवार को उस समय की उच्चतम मूल्य पर जमीन विक्रय किया गया, जिसका विधिपूर्वक पंजीयन निष्पादन उप पंजीयक कार्यालय कोरबा में कराया गया।