आंदोलन टालने प्रबंधन व भू-विस्थापितों की बैठक विफल, कल होगा महाघेराव

कोरबा 29 जून। लंबित रोजगार, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी, प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में काम देने, महिलाओं को स्वरोजगार समेत 16 सूत्रीय मांग को लेकर महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव टालने द्विपक्षीय वार्ता आयोजित की गई। बैठक में सकारात्मक पहल नहीं होने पर भू-विस्थापितों ने आंदोलन यथावत रखने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही आंदोलन को सफल बनाने गांव में बैठक शुरू कर दी।

छत्तीसगढ़ किसान सभा, रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल की खदानों से प्रभावित भू विस्थापितों किसानों के पुनर्वासए भू-विस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने के साथ 16 मांगो को लेकर सीएमडी के नाम ज्ञापन सौंप कर 30 जून को महाघेराव की घोषणा की। साथ ही गांव में बैठक करने के साथ घर घर पर्चे बांटे जा रहा है। मंगलवार को आंदोलन टालने के लिए किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल के साथ एसईसीएल प्रबंधन ने बैठक हुई। इसमें प्रबंधन ने आंदोलन स्थगित करने कहा। बैठक में एसईसीएल की ओर से गेवरा महाप्रबंधक एसपी भाटी, कार्मिक प्रबंधक एस परीडा, अमिताभ तिवारी, नरसिम्हा राव एवं किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल की ओर से जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, जय कौशिक, पुरषोत्तम, माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम, रेशम, सनत, रघु, सुमेन्द्र सिंह उपस्थित रहे। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने प्रबंधन के आंदोलन स्थगित करने के प्रस्ताव को ठुकराते कहा कि मांगो पर निर्णय लेने का अधिकार आपके पास नहीं है, तो वार्ता करने का औचित्य नहीं। बिलासपुर के अधिकारियों को भू-विस्थापितों से बात करने के लिए आना ही होगाए तभी वार्ता होगी। इसके साथ ही प्रतिनिधि मंडल बैठक छोड़कर बाहर निकल गए। वार्ता विफल होने के बाद 30 जून को प्रस्तावित महाघेराव को सफल बनाने के लिए प्रभावित गांव जाकर घर-घर में पर्चे बांटना शुरू कर दिया गया। साथ ही नुक्कड़ सभा कर आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों से आह्वान किया गया।

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