दादरखुर्द में 01 जुलाई को निकलेगी भगवान जगन्नाथ की रथ
कोरबा 26 जून। ग्राम दादर खुर्द में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। यहां विगत 121 वर्षों से निरंतर रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें ग्राम वासियों सहित शहर के लोग भी शामिल होते हैं। पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण यह रथयात्रा सामान्य रूप से निकाली जा रही थी, परंतु इस बार रथ यात्रा को भव्य बनाने के लिए समस्त ग्रामवासी जुटे हुए हैं।
1 जुलाई शुक्रवार को स्वामी जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का विशाल आयोजन दादर खुर्द में किया गया है जहां पूजन सुबह 7:00 बजे से प्रारंभ होगी पूजन पश्चात भंडारा दोपहर 12.00 बजे से प्रारंभ होगा । रथ यात्रा भ्रमण दोपहर 3:00 बजे से शुरू होगी। रथयात्रा का पर्व दादर खुर्द में धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा आरंभ होने की शुरुआत में झाड़ू से भगवान जगन्नाथ के रथ के सामने झाड़ू लगाते हैं और इसके बाद मंत्रोच्चार के साथ रथ यात्रा शुरू होती है। रथयात्रा के शुरू होने के साथ ही कई सारे वाद्य यंत्र बजाए जाते हैं और इसकी ध्वनि के बीच सैकड़ों लोग मोटे-मोटे रस्सों से रथ को खींचते हैं, इसमें बलभद्र यानी बलराम जी, सुभद्रा जी,जगन्नाथ जी सवार रहते हैं। रथ यात्रा को लेकर मान्यता है कि इस दिन रथ को खींचने में सहयोग से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भक्त भगवान बलभद्र ,सुभद्रा जी और भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने के लिए लालायित रहते हैं। आषाढ़ शुल दशमी को भगवान जगन्नाथ जी की वापसी रथ यात्रा होती है। प्रमुख पर्व में से एक रथ यात्रा 10 दिवसीय रथ यात्रा का पर्व भारत में प्रमुख पर्वो में से एक है। इसका भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। पुराणों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के अवतार जगन्नाथ की रथयात्रा सौ यज्ञों के बराबर है ।
यही कारण है इस रथयात्रा के दौरान देशभर के विभिन्न रथ यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं और इसके सबसे महत्वपूर्ण स्थान पूरी में तो इस दिन भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है। इस दिन भक्त तमाम कष्टों को सहते हुए तथा अपने कार्यों को छोड़कर रथ यात्रा में शामिल होने के लिए आते हैं । भगवान जगन्नाथ के रथ की रस्सी को खींचने का प्रयास करते हैं और ईश्वर से अपने दुखों तथा कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं। वास्तव में यह पर्व हमें भक्ति तथा श्रद्धा के महत्व को समझाने का कार्य करता है। कहते हैं कि रथयात्रा में हिस्सा लेकर रथ खींचने वाले श्रद्धालुओं को मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती है।