कोरबा: शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक की पदस्थापना में खेल

महिलाओं, दिव्यांगों को सैकड़ों किलोमीटर दूर जंगल के स्कूलों में दी पदस्थापना,
अभ्यर्थियों ने आदेश संशोधित करने लगाई गुहार, वायरल पत्र से मची खलबली

कोरबा 17 जून । अपने क्रियाकलापों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाला शिक्षा विभाग कोरबा एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। इस बार सहायक शिक्षक विज्ञान समूह (टी संवर्ग )की पदस्थापना चर्चा का विषय बना है। जहां विभाग ने व्यापमं से सीधी भर्ती के तहत चयनित अभ्यर्थियों की पदस्थापना में नियम कायदों को ताक में रख दिया । बिना काउंसलिंग किए शिक्षा विभाग एकल पदस्थापना आदेश जारी कर महिलाओं एवं दिव्यांग अभ्यर्थियों की अनदेखी कर उन्हें शहर से 50 से 100 किलोमीटर दूर के स्कूलों में पदस्थ कर रहा । वहीं पुरुष अभ्यर्थियों को शहर के स्कूलों में पदस्थापना दे दी। नाराज अभ्यर्थियों ने डीईओ को पत्र लिखकर पदस्थापना आदेश में संसोधन कर अन्यत्र स्कूलों में पस्थापना दिए जाने की गुहार लगाई है। वायरल पत्र ने खलबली मचा दी है।

यहां बताना होगा कि स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के माध्यम से सहायक शिक्षक विज्ञान समूह (टी संवर्ग) के पदों पर सीधी भर्ती आयोजित की गई थी ।सीधी भर्ती उपरांत संबंधित जिलों में चयनित अभ्यर्थियों को उपस्थिति देने का निर्देश दिया गया था । जहां से कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूलों में रिक्त पदों के आधार पर संबंधित अभ्यर्थियों की पदस्थापना की जानी है। आदिवासी बाहुल्य एवं आकांक्षा जिला कोरबा में 175 सहायक शिक्षक विज्ञान की पदस्थापना की जानी है । 12 जून से इसके लिए पदस्थापना आदेश जारी किया जा रहा है । लेकिन जारी पदस्थापना आदेश में व्यावक पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से प्राप्त हो रही है। नियमानुसार काउंसलिंग कर पदस्थापना दी जाती है जिसकी अनदेखी कर एकल आदेश जारी किया जा रहा । वहीं दिव्यांग व महिला अभ्यर्थियों को सुविधाजनक स्कूलों में पदस्थ करने का प्रावधान है। लेकिन शिक्षा विभाग ने इसकी परवाह न कर दिव्यांग व महिला अभ्यर्थियों को दूरस्थ अंचल के स्कूलों में पदस्थ कर दिया। वहीं पुरुष अभ्यर्थियों पर विशेष कृपा बरसाते हुए उन्हें शहर के स्कूलों में पदस्थ कर दिया गया।उक्त मामले में निराश अभ्यर्थियों ने डी ई ओ ने उक्त पदस्थापना आदेश में संसोधन किए जाने की गुहार लगाई है।

पदस्थापना में किस तरह खेल चला है यह आदेश से समझा जा सकता है। रायगढ़ जिले के खरसिया तहसील के ग्राम टेमटेमा की अभ्यर्थी विनिता पटेल की पस्थापना बैगिनडाँड में कर दी गई है। वहीं जांजगीर चाम्पा जिले के अभ्यर्थी सीमा हंसराज की पदस्थापना पोंडी उपरोड़ा ब्लाक के झिनपुरी में कर दी गई है। यही नहीं उक्त परीक्षा में जिले की टॉपर यास्मि बेगम को शहर से 25 किलोमीटर दूर मूढूनारा कर दिया । शिक्षा विभाग के इस आदेश से महिला अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई है। जबकि राजनांदगांव से आए पुरुष अभ्यर्थी चंदन कुमार की शहर से महज 5 किलोमीटर दूर भिलाइखुर्द क्रमांक 3 में पदस्थापना दे दी गई। अभ्यर्थियों ने पदस्थापना आदेश को अव्यवहारिक विसंगति पूर्ण बताते हुए पदाथापना आदेश संसोधित करने की गुहार लगाई है। दिव्यांग अभ्यर्थियों को भी शहर से दूर पदस्थापना कर दी गई है।

सहायक शिक्षक विज्ञान के अभ्यर्थियों की पदस्थापना में नियमों की अनदेखी व मनमाना कार्यशैली के मामले में जिला प्रशासन को त्वरित संज्ञान लेनी चाहिए। पदस्थापना आदेश निरस्त कर विधिवत काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापना की जानी चाहिए। यही नहीं मनमाने ढंग से आदेश जारी करने वाले अधिकारी व शाखा लिपिक पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि आगामी भविष्य में प्रक्रियाओं के पालन के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। इसके पूर्व हाल में सहायक शिक्षक की भी पदस्थापना आदेश जारी हुआ है। उसमें भी प्रक्रियाओं का पालन हुआ अथवा नहीं, इसकी जांच आवश्यक है।

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