महात्मा गांधी को कब राष्ट्रपिता का दर्जा मिला? सरकारी रिकार्ड नहीं मिला कोई व्यौरा

अभिषेक जायसवाल

वाराणसी 1 जनवरी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर चौकाने वाला खुलासा हुआ है। गृह मंत्रालय के पास ये जानकारी नही है कि महात्मा गांधी को कब राष्ट्रपिता का दर्जा मिला। आरटीआई में ये बातें सामने आयी है।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कब ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि मिली गृह मंत्रालय को भी इसकी जानकारी नही है। ये कहना है गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश कुमार सिंह का। एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश कुमार सिंह ने ये बातें लिखी है।

वाराणसी के कमलेश कुमार सिंह ने आधिकारिक तौर पर जानकारी के लिए महात्मा गांधी को कब राष्ट्रपिता का दर्जा मिला ये जानने की चाहत से 13 अगस्त को गृह मंत्रालय से आरटीआई की तहत उसकी जानकारी मांगी। लेकिन जब 19 नवम्बर को कमलेश को आरटीआई के जवाब मिला तो उनके होश उड़ गए । गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए जवाब में एक लाइन में ये बातें लिखी थी कि ‘आपके द्वारा मांगी गई जानकारी के सम्बंध में कोई विवरण मंत्रालय के पास उपलब्ध नही है’।

बातचीत में कमलेश ने बताया कि कई किताबों में उन्होंने इस सम्बंध में जानकारी लेनी चाही की मोहन दास करमचंद गांधी को आखिर कब राष्ट्रपिता का दर्जा मिला। जब किताबों में उन्हें इसके बारे में सही जानकारी नही मिली तो उन्होंने सीधे गृह मंत्रालय से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पत्र लिखकर इसकी जानकारी मांगी लेकिन वहाँ भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

1947 में पहली बार उन्हें कहा गया था राष्ट्रपिता

कमलेश की माने तो आजादी के बाद 1947 में पहली बार मोहनदास करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया गया था। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरोजनी नायडू ने उन्हें ऐसा कहकर पुकारा था। लेकिन आधिकारिक तौर पर महात्मा गांधी कब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बने इसकी कोई लेखा जोखा गृह मंत्रालय के पास नही है।

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