गोंडवाना समाज ने ईशर देव व गौरा माता महापर्व मनाया
कोरबा 21 दिसंबर। गोंडवाना समाज ने ग्राम पंचायत चाकाबुड़ा में पंचायत स्तरीय ईशरदेव व गौरा माता का महापर्व मनाया। गोंडी धर्म संरक्षण समिति ने इशर राजा, इशर रानी का गोंडी संस्कृति अनुसार गौरा-गौरी महापर्व श्री गुरु भगत एवं दुर्गेश्वरी गौरी धर्माचार्य के सानिध्य में बूढ़ादेव गोंडी धर्म संरक्षण समिति ग्राम पंचायत चाकाबुड़ा में मनाया गया।
तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व के अंतिम दिन रविवार को ईशर देव व गौरा माता की शादी कराई गई। ईशर देव के बाराती कर्मा, ददरिया, सुआ, रेलो, डंडा व अखरा के साथ जमकर झूमे। रात भर चलने वाले इस आयोजन में समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सुबह चार बजे नगर भ्रमण करते हुए चाकाबुड़ा के शिव मंदिर तालाब में विसर्जित किया गया। गोंडवाना संघ ने दुल्हादेव, ईशरदेव और दुल्हादेवी गौरा दाई का पर्व उत्साह और परंपरानुसार मनाया। तीन दिवसीय आयोजन के पहले दिन मंच के नीचे फूल कुचरने के बाद समाज के लोगों ने मन्नतें मांगी। दूसरे दिन ईशर देव व गौरा माई में सभी महिलाए पुरुषों ने चांवल चढ़ाया। तीसरे व अंतिम दिन धूमधाम से विवाह की रस्में निभाई गई। कार्यक्रम में जिले के गोंडवाना समाज के लोग शामिल हुए। समाज के लोगों ने शादी के दौरान चूलमाटी निकाली, वहां के देवठाना से मिट्टी लाई गई। इसी मिट्टी से समाज की महिलाओं व पुरुषों ने देव प्रतिमाएं बनाई। फूलों से सजे मंडप में विवाह कराया। कार्यक्रम में गोंडी रीति रिवाज से ईशरदेव व गौरा दाई की शादी हुई। इस दौरान ईशर राजा, गवरामाता, डड़ैया माता व सिद्धबाबा की प्रतिमा बना कर तेल हल्दी चढ़ाया और भांवर टीकावन के साथ बंदावन किया गया। शादी के दौरान होने वाली नेंग दस्तूर भी रीति-रिवाज के साथ किया गया। इसके बाद सगरी स्नान के लिए बड़े मंदिर गए और प्रतिमा विसर्जित किया गया।