पॉवर प्लांट में झुलसे तीन कर्मचारियों की उपचार के दौरान मौत

कोरबा 13 अगस्त। काफी प्रयासों के बावजूद रतीजा पावर प्लांट के तीन कर्मचारियों का जीवन आखिरकार नहीं बच सका। हादसे में गंभीर रूप से झुलसने पर उन्हें रायपुर रेफर किया गया था। यहां उनकी मौत हो गई। पुलिस ने इस घटना को लेकर लोडर महेंद्र पांडेय को आरोपी नामजद किया था। उसकी मौत होने के बाद पुराने प्रकरण का खात्मा होना तय माना जा रहा है। वहीं घटनाक्रम को लेकर पुलिस क्या नए सिरे से जांच कर सकती है, इस पर संशय बना हुआ है।

3 अगस्त को दोपहर में यह घटना दीपका पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाले रतीजा में एक केप्टिव पावर प्लांट में हुई थी। वहां कोयला का ढेर काफी समय से मौजूद है जिस पर से धुआं निकल रहा है। आग को बुझाने के लिए की गई सभी कोशिश नाकाम रही। घटना दिवस पर इस कोयला और राख को हटाने के साथ इसे सड़क के किनारे गड्ढों में डालने के लिए काम हो रहा था। हाइवा में लोड किये जाने के दरम्यान बकेट के रास्ते से जलता कोयला और राख नीचे काम कर रहे कर्मियों पर जा गिरी। इस घटना में लोडर महेंद्र पांडेय, मुंशी शिवकुमार सोनी और ऑपरेटर जसीम अंसारी बुरी तरह झुलस गए थे। संयंत्र प्रबंधन ने आनन-फानन में तीन पीड़ितों को स्थानीय स्तर पर चिकित्सा दिलाई और इसके बाद जिला अस्पताल पहुंचाया। वहां इनकी स्थिति को नाजुक देखते हुए फौरी तौर पर रायपुर रेफर कर दिया गया। वहां निजी अस्पताल में इनका उपचार चल रहा था। नौ दिन तक संघर्ष करने के साथ कोई खास नतीजे नहीं आ सके और इन तीनों कर्मियों की सांसें थम गई। घटना की जानकारी मिलने से कर्मियों के परिवार में सन्नाटा छा गया। जानकारी के अनुसार मृत कर्मियों के परिजनों को आवश्यक राहत राशि उपलब्ध कराई जा रही है। जिले में कोयला और बिजली से संबंधित कई औद्योगिक इकाईयां संचालित हो रही है। इनमें हजारों की संख्या में अधिकारी-कर्मचारी नियोजित हैं। मौके पर सुरक्षा मापदंडों के अंतर्गत काम संपादित कराने के लिए सूचना फलक लगाए गए हैं और मानक के साथ-साथ निगरानी करने वाले अधिकारियों के नाम-पते और फोन नंबर दर्शाए गए हैं। दावा किया जाता है कि हर समय सुरक्षा के वातावरण का ध्यान रखा जाता है। फिर भी अलग-अलग कारणों से इन स्थानों पर हादसे हो ही जाते हैं और इसके बाद बवाल की स्थिति निर्मित हो जाती है।

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