बुधवार को तीन और राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचे
नईदिल्ली 22 जुलाई। बुधवार को राफेल लड़ाकू विमानों की सातवीं खेप में तीन और एयरक्राफ्ट भारत पहुंचे। इन विमानों ने फ्रांस से उड़कर बिना रुके लगभग आठ हजार किलोमीटर की दूरी तय की। इन्हें भारतीय वायुसेना की राफेल विमानों की दूसरी स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा। 26 जुलाई से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों का दूसरा राफेल दस्ता ऑपरेशनल हो जाएगा।
फ्रांस से आए इन विमानों को हवाई मार्ग के बीच में संयुक्त अरब अमीरात की वायुसेना ने ईंधन उपलब्ध कराया। भारतीय वायु सेना ने ट्वीट किया, ‘फ्रांस के इस्त्रेस एयर बेस से उड़कर बिना रुके तीन राफेल विमान कुछ देर पहले भारत पहुंचे। हवाई मार्ग के बीच में सहायता देने के लिए यूएई वायुसेना को भारतीय वायुसेना धन्यवाद देती है।’
इस खेप के आने के बाद अब भारत में पास 24 राफेल विमान हो गए हैं। राफेल जेट की नई स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयर बेस पर स्थित होगी। पहली राफेल स्क्वाड्रन अंबाला वायुसेना स्टेशन पर स्थित है। एक स्क्वाड्रन में 18 विमान होते हैं।
इसके पहले खबर आई थी 26 जुलाई से लड़ाकू विमानों का दूसरा राफेल दस्ता (स्क्वाड्रन) ऑपरेशनल हो जाएगा। इन विमानों को चीन के साथ लगी पूर्वी सीमा में एयर पेट्रोल के लिए तैनात किया गया है। नया स्क्वाड्रन सू-30 विमानों के दस्ते के साथ काम करेगा। सू-30 स्क्वाड्रन बड़ी संख्या में पहले ही पूर्वी सेक्टर में तैनात है।
और एयरक्राफ्ट खरीदने की तैयारी
भारत 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए ऑर्डर देने की भी तैयारी में है। इनके साथ स्वदेश में निर्मित एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को तैनात किया जाएगा। देश में बने इन विमानों के सात दस्ते अगले 15-20 साल में भारतीय वायुसेना से जुड़ेंगे।
सितंबर में किया गया था राफेल को शामिल
पिछले साल सितंबर में औपचारिक रूप से राफेल विमानों को शामिल किया गया था। राफेल फाइटर जेट विमानों का दूसरा सेट नवंबर में पहुंचा था। ये लड़ाकू विमान ट्विन-इंजन से लैस हैं। ये जमीनी और समुद्री हमले करने में सक्षम हैं। इनमें और भी कई तरह की खूबियां हैं।