लेमरु हाथी अभ्यारण्य: विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत का भी पत्र आया सामने
रायपुर 10 जुलाई। लेमरु हाथी अभ्यारण्य की सीमा को घटाने के विरोध में धरमजयगढ विधायक और मध्य क्षेत्र आदिवासी प्राधिकरण के अध्यक्ष लालजीत सिंह राठिया के पत्र के साथ साथ इस मसले पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत का पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने साल भर पहले ही इस मसले को लेकर राज्य सरकार को चेताया था कि- लेमरु प्रोजेक्ट में इलाक़े जोड़ते हुए जल्द अधिसूचना जारी करें, क्योंकि केंद्र सरकार जल्द कोल ब्लॉकों की नीलामी शुरु करने जा रही है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ महंत ने 12 जून 2020 को राज्य सरकार को पत्र लिखते हुए कहा था- “राहुल गांधी जी के दिशा निर्देश पर यह आम सहमति है कि, हसदेव अरण्य क्षेत्र में वर्तमान में संचालित कोयला खदानों के अलावा किसी अन्य कोयला खदान को खोलने की अनुमति ना दी जावे और पूरे क्षेत्र को हसदेव नदी के जल ग्रहण क्षेत्र होने के कारण और आदिवासियों का विस्थापन रोकने के लिए संरक्षित किया जाए। हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयले का भंडार शेष छत्तीसगढ़ की तुलना में केवल दस प्रतिशत है। अगस्त 2019 में लेमरु हाथी अभ्यारण्य का जो प्रस्ताव कैबिनेट ने पास किया है, उसमें केंदई प्रेमनगर और उदयपुर वन परिक्षेत्र के हिस्से शामिल नहीं है जो कि हसदेव नदी के जल ग्रहण क्षेत्र है।”