उत्पादन में पिछड़ने से चिंतित सीएमडी पहुंचे खदान, लिया विभाग प्रमुख की बैठक

कोरबा 1 जून। चालू वित्तीय वर्ष में अपने निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रही कुसमुंडा, गेवरा खदान में उत्पादन बढ़ाने की कवायद तेज हो गई है। एसईसीएल के सीएमडी समेत दोनों निदेशक तकनीक ने गेवरा व कुसमुंडा परियोजना का न केवल दौरा किया, बल्कि चारों क्षेत्र के महाप्रबंधक व विभाग प्रमुख की बैठक लेकर उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया।

साउथ इस्टर्न कोलफि ल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल को चालू वित्तीय वर्ष में 172 मिलियन टन से भी अधिक कोयला उत्पादन करना है। इसके साथ ही प्रबंधन की नजर गेवरा, दीपका व कुसमुंडा परियोजना पर टिक गई है। गेवरा को 49 मिलियन टन, दीपका को 35 व कुसमुंडा को 43 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है। ऐसी स्थिति में तीनों परियोजना को प्रति माह उत्पादन भी बढ़ाना है। बताया जा रहा है कि गेवरा व कुसमुंडा परियोजना चालू वित्तीय वर्ष में अपने उत्पादन लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। जितना कोयला उत्पादन रोजाना होना चाहिए, उतना भी नहीं हो रहा। इससे प्रबंधन चिंतित हो उठा है। बारिश शुरू होने वाली है, इस दौरान कोयला उत्पादन में गिरावट आएगी, इससे निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार करने एसईसीएल के सीएमडी एपी पंडा, निदेशक तकनीक मनोज कुमार व निदेशक तकनीक योजना परियोजना एसके पाल सोमवार को एकाएक कुसमुंडा व गेवरा खदान पहुंचे। पहले कुसमुंडा खदान का निरीक्षण कर उत्पादन की कार्यशैली देखी। इसके बाद पड़निया साइड में जाकर मिट्टी निकासी काम करने आ रही एक निजी कंपनी के कैंप के लिए स्थल का जायजा लिया। इसके बाद गेवरा खदान का निरीक्षण करने के बाद एसईसीएल कोरबा, गेवरा, दीपका व कुसमुंडा महाप्रबंधक, विभाग प्रमुख की बैठक ली। इस दौरान ने उत्पादन में पिछड़ने पर गेवरा व कुसमुंडा के प्रति नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मानसून अवधि 15 जून से 15 सितंबर के दौरान उत्पादन में किसी तरह की दिक्कत न हो, इसकी कार्ययोजना के संबंध में अधिकारियों से चर्चा करने के बाद आवश्यक निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कार्ययोजना का पालन करते हुए उत्पादन बढ़ाया जाए, ताकि वित्तीय वर्ष में कंपनी में अपना लक्ष्य हासिल कर सके। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी परियोजना मासिक उत्पादन अभी से बढ़ाए ताकि बारिश के बाद लक्ष्य हासिल करने किसी तरह की दिक्कत न हो। इस मौके पर गेवरा क्षेत्र के महाप्रबंधक एसके मोहंती, दीपका क्षेत्र के महाप्रबंधक रंजन पी शाह, कुसमुंडा महाप्रबंधक आरपी सिंह व कोरबा क्षेत्र के महाप्रबंधक एनके सिंह समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थति रहे।

सीएमडी पंडा व निदेशक ने कुसमुंडा खदान के साइलो का भी जायजा लिया। यहां दो साइलो शुरू हो चुका है, पर लापरवाही पूर्वक कार्य होने की वजह से कोयला मालगाड़ी के इंजन के उपर व बाहर गिर रहा है। इसके साथ ही दो अन्य साइलो का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। बताया जा रहा है कि निरीक्षण के बाद सीेएमडी ने कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाहिर की और कहा कि कार्य सुरक्षात्मक ढंग से किया जाए। ताकि दुर्घटना की संभावना न रहे। उन्होने निर्माणाधीन साइलो का काम जल्द पूरा करने कहा। इन दोनों साइलो का निर्माण पूरा होते ही कुसमुंडा क्षेत्र से कोयला परिवहन बढ़ जाएगा और लोडिंग आटोमेटिक होने की वजह से मालगाड़ी जल्द रवाना होगा। इससे कोयला डिस्पैच में भी तेजी आएगी। कंपनी को चालू वित्तीय वर्ष में 195 मिलियन टन कोयला डिस्पैच का लक्ष्य दिया गया है।

Spread the word