शारीरिक व बौद्धिक विकास समाज सेवा के माध्यम से ही संभवः बी.के.पटेल
कोरबा 23 मार्च। राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ शासकीय महाविद्यालय बरपाली की सात दिवसीय विशेष शिविर ग्राम गांड़ापाली के शासकीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शाला प्रांगण विकासखंड करतला में चल रहा। भारतीय स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव वर्ष को लेकर नरवा गरवा घुरवा बारी के विशेष संदर्भ में ग्रामीण विकासए महात्मा गांधी के विचार एवं उन्नात भारत अभियान थीम पर शिविर आयोजित है।
समाज सेवा के माध्यम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लक्ष्य को लेकर सुबह योग, प्राणायाम, मेडिटेशन, के साथ परियोजना कार्य में पर्यावरण जागरूकता, जल संरक्षण, को महत्व दिया जा रहा है। बौद्धिक सत्र में स्रोत विद्वानों एवं अतिथियों द्वारा अलग-अलग विषय पर व्याख्यान के माध्यम से युवाओं में बौद्धिक समझ, क्षमता का विकास तथा स्थानीय खेल के साथ नेतृत्व क्षमता, प्रतिस्पर्धा की भावना, टीम भावना, समूह निर्माण का विकास किया जा रहा। इसी तरह बच्चों की रुचियों के अनुसार उनकी लेखन, सांस्कृतिक कला एवं क्रास कल्चरल गतिविधियों के माध्यम से नित नए क्रियाकलापों से छात्रों को रूबरू करा रहे हैं। संस्था प्राचार्य डा अंबिका प्रसाद वर्मा के संरक्षण व राज्य स्तरीय पुरस्कृत श्रेष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डा शिवदयाल पटेल व वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डा रंजना नाथ के नेतृत्व में यह शिविर संचालित है। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि बीके पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना व्यक्तिव विकास की पाठशाला है। उनके शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास समाज सेवा के माध्यम से ही संभव है। उन्नत भारत अभियान और महात्मा गांधी के विचारों को लेकर हम युवाओं को शिविर के माध्यम से प्रेरित और जागरूक कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथि सरपंच गीता कंवर ने युवाओं के शिविर के लिए हर संभव मदद करने की बात कही। कार्यक्रम को सफल बनाने में निरंजन श्रीवास, अजय प्रजापति, अश्विनी कुमार, सुमित राज, आरती कैवर्त, मीनाक्षी यादव, याचिका रानी महंत, बसंती महंत, धनंजय बघेल, नंदनी खांडे, उर्मिला चौकसे, सत्येंद्र चौकसे, रेणुका पटेल, दिव्या बिंझवार, सुहानी गोंड़, सोमप्रकाश पटेल, ओमप्रकाश पटेल, किशन दास, देवेंद्र पटेल, साहित्य आदिले, रोहन कुमार, प्रमोद सहित उपसरपंच प्रतापसिंह कंवर, सचिव उदेराम मन्नोवार, पूर्व सरपंच अमर सिंह कंवर, पंचगण सावित्री जायसवाल, जगदीश खांडे, निशा खांडे, फिरूसिंह कंवर, पूर्णिमा कंवर, चंदर सिंह कंवर, फूल बाई खांडे, लगन बाई कंवर, उमा बाई कंवर, कन्हैया लाल, चंद्रिका बाई कंवर इत्यादि का सराहनीय एवं उत्कृष्ट योगदान रहा।