नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर वेबीनार द्वारा आयोजित की गई परिचर्चा
एससीईआरटी द्वारा मासिक चर्चा प्रपत्र के निर्देशानुसार जिला शिक्षा जिला कलेक्टर सुनील जैन एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर एस ध्रुव के मार्गदर्शन में भाटापारा विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा पढ़ई तूहर दुआर अभियान के साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विकासखंड स्तरीय वेबीनार आयोजित कर सभी शालाओं के शिक्षकों को प्रमुख बिंदुओं की जानकारी दी जा रही है साथ ही एमएचआरडी की वेबसाइट से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रस्तावित मसौदे की पीडीएफ फाइल सभी शालाओ को भेजी गई है, ताकि शिक्षक गण नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में अवगत हो सकें। ज्ञातव्य हो कि 25 जनवरी तक देश के शिक्षा मंत्री रमेश चंद्र पोखरियाल ने अपने सोशल मीडिया पेज पर शिक्षा नीति के संबंध में नागरिकों से सुझाव भी आमंत्रित किया है।
विगत दिवसो में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित ऑनलाइन में वेबीनार में व्याख्याता श्री हेमलाल साहू, श्री अभिलाष तिवारी, श्रीमती सीमा मिश्रा एवं शिक्षक श्री नोखे लाल वर्मा की 4 सदस्य टीम ने नई शिक्षा नीति में स्कूल एजुकेशन के साथ उच्च शिक्षा एवं केंद्र सरकार द्वारा किए गए अन्य उपायों पर विकासखंड की प्राथमिक शाला, पूर्व माध्यमिक शाला हाई स्कूल, हा सेकेंडरी शालाओं के सभी प्राचार्यो प्रधानपाठक एवं संकुल समन्वयको को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विविध पहलुओं से अवगत कराया एवं संकुल समन्वयको के द्ववारा संकुल स्तर पर ऑनलाइन वेबीनार आयोजित कर सभी शिक्षकों के मद्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में चर्चा की जा रही है।विकासखंड शिक्षा अधिकारी भास्कर देवांगन ने बताया कि विकासखंड स्तरीय सेमिनार वेबीनार, पीएलसी की बैठकों एवं संकुल में आयोजित ऑनलाइन में वेबिनार के माध्यम से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में शिक्षकों को अवगत कराया जा रहा है। नई शिक्षा नीति वर्तमान आवश्यक -ताओं के अनुरूप है,नीति में
देश की भावी चुनौतियों को देखते हुए व्यापक प्रावधान शैक्षिक परिदृश्य के संदर्भ में किए गए हैं। आने वाली नई शिक्षा नीति में स्कूल एजुकेशन में 5 + 3 + 3 + 4 का फार्मूला लागू होगा, 10वीं 12वीं के बोर्ड एग्जाम साल में दो बार होंगे, कक्षा नवमी से विषय चयन के अवसर होंगे, क्लास सिक्स से ही व्यवसायिक पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी, कॉलेज डिग्री 4 साल की होगी पीएचडी करने के लिए एमफिल करने की आवश्यकता नहीं होगी। गुण- वत्ता और अनुसंधान परक शिक्षा से भारत का वैश्विक महाशक्ति शामिल हो सकेगा । गुर्रा हायर सेकेंडरी शाला के प्राचार्य श्री आरपी बांधे ने आयोजन को अच्छी पहल बताते हुए सभी शिक्षकों को देश की शिक्षा व्यवस्था के संबंध में प्रस्तावित नए प्रावधानों के संबंध में भली-भांति प्रकार से जानकारी रखने की आवश्यकता बताइए ताकि शिक्षा गुणवत्ता के मूल उद्देश्य को बढ़ावा देने के लिए सभी शिक्षक साथी वास्तविक मायनो में अपनी भूमिका निभा सके.परिचर्चा के दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपालन के साथ देश की शिक्षा व्यवस्था में बुनियादी अवसंरचना की कमी को दूर करने एवं केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा जीडीपी का प्रस्तावित 6% खर्च करने की आवश्यकता बताई। सुझाव में कहा गया कि विश्वविद्यालयों में कॉमन एंट्रेंस एंट्रेंस टेस्ट की व्यवस्था सभी संस्थानों के लिए बाध्यकारी हो। प्राथमिक स्तर में मातृभाषा में शिक्षा की अनिवार्यता से आंग्ल आधारित वर्ग विभेद की स्थिति प्रमुख चुनौती है एवं आंगनवाड़ी स्तर 3 साल से 6 साल तक छोटे बच्चों अर्ली स्कूलिंग के लिए प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होगी। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विदेशी संस्थानों की इकाइयों के खोलने के प्रावधान से भारतीय शिक्षा नीति में विदेशी तत्वों की प्रभाविता से बचाव की जरूरत होगी।नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रबल इच्छाशक्ति की जरूरत है।
गूगल फार्म से प्रश्नोत्तरी एवं फीडबैक लिया जा रहा है
तकनीकी प्रकोष्ठ प्रभारी शेख मोहम्मद नासिर ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदुओं पर 15 प्रश्नों की बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तरी गूगल फॉर्म के माध्यम से सभी संकुल में सभी शिक्षकों के द्वारा भरे जाने लिए भेजी गई है,अब तक 550 से ज्यादा टीचर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित गूगल फार्म प्रश्नोत्तरी सबमिट कर चुके हैं,विकास खंड कार्यालय की ओर से सहभागियों को डिजिटल प्रमाण पत्र ईमेल पर प्रेषित किया जा रहा है।मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी ईश्वर देवदास ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पेटेंट संस्कृति विकसित होगी,इसमें रटंत प्रणाली की बजाय लर्निंग आउटकम ,ज्ञान और समझ पर जोर दिया गया है,निश्चित है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश की शिक्षा व्यवस्था में निर्णायक एव क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे।