बालको में लोहड़ी, मकर संक्रांति एवं मंडला पूजा धूमधाम से संपन्न
कोरबा-बालकोनगर 15 जनवरी। विविधता, एकता और परंपरा का जश्न मनाने की अपनी यात्रा में भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने प्रत्येक राज्य की सभी संस्कृतियों एवं परंपरा को एक मंच पर लाकर इस क्षेत्र को मिनी इंडिया बना दिया। यहां विभिन्न धर्म एवं समुदाय के लोग साथ रहते हैं जो अलग-अलग त्योहार मनाते हैं। टाउनशिप एवं समुदाय में लोहड़ी, मकर संक्रांति और मंडला पूजा उत्साह के साथ मनाई गई। बालको जीईटी हॉस्टल में लोहड़ी पर्व धूमधाम से मनाया गया। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने अन्य पदाधिकारियों और कर्मचारियों के साथ विधिपूर्वक पूजा एवं अनुष्ठान के बाद लोहड़ी प्रज्ज्वलित किया। इस मौके पर लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया।
मकर संक्रांति महोत्सव के अवसर पर अंबेडकर स्टेडियम में पतंग स्पर्धा आयोजित की गई। प्रतियोगिता में बालको कर्मचारियों, उनके परिजन, बच्चों एवं समुदाय के लोगों ने शिरकत की। कंपनी के सीईओ एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने महोत्सव का उद्घाटन किया। उन्होंने बालको परिवार को मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं दीं और विभिन्न पंतगबाजी के 5 श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार दिए। कंपनी ने सामुदायिक विकास कार्यक्रम के माध्यम से समुदाय में मकर संक्रांति महोत्सव का आयोजन किया। कार्यक्रम में प्रतिभागी महिलाएं पंतगबाजी, स्पून लेमन एवं बैलून रेस तथा जलेबी खाने की प्रतियोगिता में शामिल हुई। सभी महिलाओं के बीच छत्तीसा के बने तिल एवं लाई के लड्डू बांटे गए।
बालकोनगर अय्यप्पा सेवा संघम ने मंडला पूजा एवं मकर संक्रांति पर बालकोनगर अय्यप्पा मंदिर में अनेक अनुष्ठान आयोजित किए। मंडला पूजा 26 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 14 जनवरी 2025 को धूमधाम से संपन्न हुआ। बालको के वरिष्ठ अधिकारियों ने भगवान अय्यप्पा की पूजा-अर्चना कर बालको परिवार की खुशहाली और चहुंमुखी प्रगति का आशीर्वाद मांगा। अय्यप्पा मंदिर में मकरा विलक्कू पूजा की शुरूआत सुबह साढ़े पांच बजे से हुई। निर्माल्य दर्शन, गणपति हवन, अभिषेकम और उषा पूजा के अलावा नागराजा के लिए नूरूम पालुम अनुष्ठान हुआ। दोपहर को मध्याह्न पूजा आयोजित हुई। शाम को भगवान अय्यप्पा की दीप यात्रा आयोजित हुई जिसकी शुरूआत बालकोनगर के सेक्टर-पांच स्थित सिद्धेश्वर श्री हनुमान मंदिर से हुई। अनेक बालको अधिकारियों, कर्मचारियों और बालकोनगरवासियों ने पारंपरिक मोर एवं कर्मा नाच, मुथुकुड्डा, निरापरा, थिवेट्टी और कुथुविलक्कू आदि अनुष्ठानों में भागीदारी कर पुण्यलाभ कमाया।
हाथों में थालाप्पोली लिए महिलाओं और किशोरी बालिकाओं ने शोभा यात्रा में हिस्सा लिया। रथ यात्रा बालकोनगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई अय्यप्पा मंदिर पहुंची। पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के पट खोले गए। स्वामी अय्यप्पा के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। मकरा विलक्कू पर अय्यप्पा मंदिर परिसर में आतिशबाजी हुई। बड़ी संख्या में बालकोनगरवासियों ने आतिशबाजी का आनंद उठाया। अनुष्ठानों के बाद अय्यप्पा सेवा संघम की ओर से श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
बालको ने धार्मिक स्थलों की समृद्ध विरासत को संरक्षित किया है जो दशकों से टाउनशिप का अभिन्न अंग हैं। राम मंदिर से लेकर सेंट विंसेंट पल्लोटी चर्च, गोसिया मस्जिद और गुरुद्वारा ये सभी पूजा स्थल आस्था के प्रतीक हैं। समुदाय के साथ ही कंपनी के प्रयास से विभिन्न धर्मों के कर्मचारी, निवासी और उनके परिवार के लोग एकजुट होते हैं। ये सभी धार्मिक स्थल विभिन्न संस्कृति एवं धर्मों के सम्मान के प्रति बालको की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। बालको ने सामूहिकता की भावना को बढ़ावा दिया। जहां सभी परंपराओं का जश्न साथ मिलकर मनाया जाता है। कंपनी ने सामुदायिक भलाई के साथ ही अपनी आद्यौगिक यात्रा का भी अनूठा उदाहरण पेश किया है।