कोल अफसरों की तरह श्रमिकों को भी मिले मोबाइल का उपहार

कर्मियों के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं

कोरबा 4 नवम्बर। कोल इंडिया की स्थापना 50 वां स्थापना दिवस पर प्रबंधन ने उपहार में कोलकाता मुख्यालय के अधिकारियों को मोबाइल प्रदान किया है। बोर्ड के बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप अधिकारियों के लिए श्रेणीवार 30 हजार से 60 हजार रुपये कीमत की मोबाइल की खरीदी की गई है। इस पर आपत्ति करते हुए श्रमिक संगठन संयुक्त रूप से मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि कोयला उत्पादन में मूल रूप से श्रमिकों का योगदान है, इसलिए श्रमिकों को मोबाइल से वंचित रखा जाना न्यायोचित नहीं होगा। प्रबंधन के समक्ष शेष बचे 2.39 लाख अधिकारी व कर्मचारियों को भी मोबाइल प्रदान करने की मांग रखी गई है।

श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों ने संयुक्त मोर्चा खोलते हुए कोल इंडिया के निदेशक (कार्मिक) विनय रंजन को पत्र लिख कर कहा है कि कोल इंडिया बोर्ड की बैठक में कोयला अधिकारियों को उपहार में मोबाइल देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी, लेकिन केवल अधिकारियों को उपहार देने का निर्णय उचित नहीं है। इससे लगता है कि कंपनी की प्रगति में कोयला कर्मियों की कोई भूमिका नहीं है। कर्मचारियों के साथ यह घोर अन्याय है। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन ने ई-नाइन ग्रेड के अधिकारियों को 60 हजार व ई-आठ ग्रेड को 50 हजार रुपये तक का मोबाइल फोन दे रही है। जबकि ई-फोर से ई-सिक्स ग्रेड को 40 हजार व ई-वन से ई-थ्री को 30 हजार रुपये तक का मोबाइल फोन दिया जा रहा है। भारतीय मजदूर संघ के कोल सेक्टर प्रभारी व जेबीसीसीआइ सदस्य के लक्ष्मारेड्डी का कहना है कि प्रबंधन ने निर्णय गलत लिया है। केवल अधिकारी ही इसके भागीदार नहीं है, बल्कि कर्मचारी भी कोयला उत्पादन में अपना महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसलिए उन्हें भी मोबाइल प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि किसी तरह की भेदभाव न हो। इस संबंध में प्रबंधन के साथ जल्द बैठक कर चर्चा की जाएगी।

एचएमएस के केंद्रीय अध्यक्ष रेशम लाल यादव ने निदेशक कार्मिक को पत्र लिखकर कहा है कि कामगारों के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पिछले वर्ष भी स्थापना दिवस के दिन अधिकारियों को उपहार में कंबल दिया गया था। अधिकारियों को परफारमेंस रिलेटेड पे (पीआरपी) और लैपटाप पहले से दिया जा रहा है। इसी तरह चश्मा के रिम्बर्समेंट में भी अधिकारियों और कर्मचारियों में बहुत भेदभाव किया गया। अधिकारियों को चश्मा के लिए 20 से 50 हजार रूपये तथा कर्मचारियों को सिर्फ 10 हजार का चश्मा का रिम्बर्समेंट देने का निर्णय लिया गया।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के ग्रेज्यूटी के भुगतान में भी भेदभाव करने में कोई कसर नहीं छोड़ा। केंद्र सरकार की योजना के तहत सेवानिवृत केंद्रीय कर्मचारियों को 20 लाख ग्रेज्यूटी भुगतान 2016 से किया गया। कोल इंडिया के सेवानिवृत अधिकारियों को 20 लाख रुपये ग्रेज्यूटी भुगतान जनवरी 2017 से किया गया, जबकि वर्ष 2017 से मार्च 2018 तक सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को 20 लाख ग्रेज्यूटी नहीं दिया गया। उन्हें सिर्फ 10 लाख रूपये की ग्रेज्यूटी भुगतान किया गया। एक ही कंपनी में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ग्रेज्यूटी अलग-अलग भुगतान करना, यह कैसा नियम है।

केंद्रीय अध्यक्ष यादव ने कहा कि दिवाली से पहले मजदूरों के बोनस भुगतान की घोषणा होने के बाद भी अभी तक भुगतान एसईसीएल के आऊटसोर्सिंग कंपनियों ने नहीं किया है। यह ठेका मजदूरों के साथ छलावा है। कोयला मजदूर सभा (एचएमएस) कोल इंडिया के इस प्रकार के मजदूर विरोधी नीतियों का पूरजोर विरोध करता है। साथ ही मांग करता है कि अधिकारियों की तहत कर्मचारियों को भी मोबाइल देने की घोषणा कर प्रदान किया जाए।

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