राशन न मिलने से माखनपुर के ग्रामीणों में नाराजगी

बिना वजन काटे के चावल वितरण, अगस्त माह का चावल अब तक नहीं मिला

कोरबा 14 अक्टूबर। ग्राम माखनपुर में गरीबों के थाली से भात रोटी गायब हो रहा हैं। यहां की उचित मूल्य राशन दुकान से अगस्त माह की चावल, गेंहू, शक्कर, नमक कई ग्रामीणों को आज तक नहीं मिला है। संचालक के इस रवैये को लेकर लोगों के बीच आक्रोश पनप रहा है। गरीबों को मिलने वाली थाली से पौष्टिक आहार चावल रोटी गायब हो गई है। हितग्राहियों को बगैर रोटी चावल से बना भात खाकर ही पेट भरना पड़ रहा है। एक तरफ चना चावल की खरीदी करने वाले लोग गांव में घूम कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के चावल के बदले में एचएमटी खंडा व चावल और दूसरा किस्म का चावल थमा रहे है और चने के बदले में शक्कर दे रहें हैं।

बताया जा रहा है कि नगर के किस दुकान में यह गोरख धंधा चल रहा है। इसकी जानकारी प्रशासन को है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने गंभीरता नहीं दिखा रहे है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि संचालक द्वारा बिना वजन काटे बरदाना में चावल भरकर वितरण किया जाता हैं। इससे तीन किलो चावल कम हो जाता है। इसी तरह सार्वजनिक वितरण प्रणाली सैला से भी रोज बड़े पैमाने पर गरीबों को मिलने वाली चावल का हेराफेरी किया जा रहा हैं।

चावल की खरीदी करने वाले लोग शासन की आंखों में धूल झोंक कर गरीबो के हिस्से के चावल को खरीद कर उन्हे जरूरतमंदों को फिर बेचकर बड़ा मुनाफा कमा रहे है। कलेक्टर के दरवाजे पहुंचने मजबूर ग्रामीण हक और अधिकार से वंचित हो रहे गरीब हितग्राहियों की आवाज को सड़क से लेकर कलेक्टर तक उठाने के लिए ग्राम माखनपुर के झुग्गी झोपड़ी रहने वाले ग्रामीण मजबूर हैं। ग्रामवासियों का कहना है कि गरीब हितग्राहियों को हर माह पूर्व की तरह चावल, गेंहू, शक्कर, चना, नमक प्रदाय करने की मांग किए हैं। दैनिक मजदूरी करने वाले दिहाड़ी़ मजदूर भी महंगे दाम में चावल खरीदकर खाने विवश है।

भगवती कंवर माखनपुर निवासी भगवती कंवर का कहना है कि अगस्त माह का चावल नहीं दिया हैं। अब अक्टूबर आ चुका है। वितरक को बोलने कहा जाता है कि देगें। लेकिन कब देंगे, यह भगवान जाने और माह गुजरते जा रहा हैं। मुझे लगता है कि हितग्राहियों का ध्यान भटकाने काम किया जा रहा हैं। माखनपुर निवासी धनेश्वरी तंवर का कहना है कि शासन द्वारा चलाई जा रही छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चावल देने की योजना के लाभ से उन्हें वंचित किया जा रहा है। जिसे रोकने के साथ ही साथ योजनाओं को सही तरीके से क्रियान्वयन करने में खाद्य विभाग के अधिकारी नाकाम साबित हो रहे हैं। यशराज माखनपुर निवासी यशराज का कहना है कि उचित मूल्य की दुकान के संचालक से काफी समय से ग्रामीण परेशान हैं। लोगों का कहना है कि वह अपनी मनमानी पर राशन वितरण करता है। हितग्राहियों को निर्धारित दिन और समय पर राशन नहीं दिया जा रहा है।

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