मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में हुआ बड़ा खेला.. मनमर्जी का काम और राशि का खुलकर बंदरबांट.. शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट से निर्माण एजेंसी RES कटघरे में
मुंगेली. प्रदेश के टूटे-फूटे स्कूलों की मरम्मत के लिए पिछली सरकार में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना की शुरुआत की गई थी. हाल ही में सीएम विष्णुदेव साय ने योजना के तहक स्कूलों में हुए कार्य को लेकर नाराजगी भी जताते हुए कलेक्टरों को योजना में हुए कार्यों की जांच के आदेश दे दिये हैं. वहीं अब मुंगेली जिले के में निर्माण एजेंसी RES विभाग द्वारा योजना में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है, शिक्षा विभाग के जांच रिपोर्ट और RES की तरफ से सौंपी गई काम के रिपोर्ट में काफी अंतर पाया गया है. जिसके बाद कलेक्टर ने जांच कमेटी का गठन कर दिया है.
दरअसल RES विभाग ने किये गए काम के रिपोर्ट में जिन स्कूलों को प्रगतिरत बताया है, वहां काम की शुरुआत भी नहीं हुई है. वहीं जिन स्कूलों में मरम्मत कार्य कराया गया है, वहां स्कूल प्रबंधन ने असंतुष्टि जाहिर की है. इस मामले में अब कलेक्टर ने कार्यो की समीक्षा करते हुए जांच के लिए जिला स्तरीय और ब्लाक स्तरीय जांच टीम गठित की है जो 10 दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे.
जानिए पूरा मामला
पिछली सरकार ने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत मुंगेली जिले के 541 स्कूलों को चिन्हांकित करके अतिरिक्त भवन निर्माण एवं मरम्मत कार्य की स्वीकृति दी थी. इसके लिए शिक्षा विभाग ने योजना की निर्माण एजेंसी RES विभाग को 15 करोड़ 41 लाख 75 हजार रुपये का भुगतान किया था. जिसके बाद RES विभाग ने शिक्षा विभाग को अपने रिपोर्ट में 499 स्कूल के कार्य पूर्ण,16 प्रगतिरत एवं 27 स्कूल अप्रारंभ बताते हुए इसकी राशि 66 लाख 97 हजार 60 रुपये शिक्षा विभाग को वापस किया.
वहीं शिक्षा विभाग ने जिले के तीनों ब्लाक के BEO और BRC से भौतिक सत्यापन करके रिपोर्ट मंगवाए गए थे, जिसपर RES विभाग और शिक्षा विभाग के रिपोर्ट में भारी भिन्नता पाई गई. RES विभाग ने अपने रिपोर्ट में 541 स्कूलों में 27 स्कूल को अप्रारंभ बताया गया. शिक्षा विभाग के रिपोर्ट पर इसके अलावा भी 62 स्कूल ऐसे मिले जिनमे कार्य अप्रारंभ और जर्जर हालत में पाया गया है, जिन स्कूलों में RES विभाग ने कार्य पूर्ण बताया है.
कागजो में पूर्ण धरातल पर अप्रारंभ
प्राथमिक शाला सोनपुरी जिसका संकुल केंद्र बांकी है वहा स्कूल ऐसे जर्जर हैं की बच्चे जीवन को दांव में रखकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है. 2 कमरे वाला यह स्कूल जिसमे 1 कमरा बेहद जर्जर पड़ा हुआ है, वही एक कमरे में 103 बच्चे पढ़ाई करते है. इसी कमरे में स्कूल के समान कापी किताब ड्रेस जरूरी सामान के साथ स्कूल आफिस संचालित किए जा रहे है. इस स्कूल में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत छत ढलाई सहित मरम्मत कार्य के लिए 4 लाख 62 हजार रुपये आए थे लेकिन RES विभाग ने पूर्ण बताकर कागजो में राशि का आहरण भी कर लिया है. इस स्कूल के प्रधान पाठक एवं संकुल समन्यवक बताते है कि स्कूल संचालन करने में बड़ी दिक्कत होती है. वही स्कूल जतन योजना में कार्य की शुरुआत करने के लिए जो मटेरियल लाया गया था वह सही तरीके से निर्माण करने की बात कहकर ठेकेदार वापस ले गया और कार्य अप्रारंभ स्थिति में पड़ा हुआ है जिसकी जानकारी विभाग को दी गई है.
मरम्मत कार्य मे भी लापरवाही
जिले के कई स्कूलों में RES ने मरम्मत के कार्य करवाए है. वहा ऐसे कार्य कर दिए गए है जिसकी जरूरत स्कूल में नही थी. और जिस कार्य के लिए राशि जारी की गई थी वो कार्य न होकर अन्य कार्य कर दिए गए. कुछ स्कूल जहा छत मरम्मत योग्य था वहां टाइल्स लगवाए गए है. जहाँ फर्श बैठने योग्य नही वहां रंग रोगन का कार्य किया गया है. इस तरह की लापरवाही भी की गई है जिससे स्कूल यथावत जर्जर पड़े हुए है और यही वजह भी रही कि आज भी शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड में जर्जर स्कूल कम होने के बजाय बढ़ गए है. जबकि जर्जर स्कूल की मरम्मत के नाम पर 541 स्कूल चिन्हांकित थे…!
RES द्वारा किये गए कार्यो पर स्कूल प्रबंधन संतुष्ट नही
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में मुंगेली जिले के जिन 541 स्कूलो में से जहा अतिरिक्त भवन निर्माण एवं मरम्मत कार्य किये गए है वहा की स्थिति के लिए जब स्कूल प्रबंधन से रिपोर्ट मंगवाई गई तो प्रायः हर स्कूल ने RES विभाग द्वारा किये गए कार्यो पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंप दिया है…!
दोनो विभाग के आंकड़े पर कौन सही कौन गलत?
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में कार्य एजेंसी RES विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि योजना के तहत 541 स्कूलों में मरम्मत कार्य की स्वीकृति मिली थी जिसमें 498 कार्य पूर्ण, 13 कार्य प्रगति पर है साथ 30 स्कूलों का कार्य अप्रारंभ है जिसकी राशि शिक्षा विभाग को वापस कर दी गई है. अब शिक्षा विभाग ने किस तरह से परीक्षण किए है उनको वही जाने. हमारे MBA रिकार्ड में दर्ज है हमने कोई फर्जी कार्य नही किया है. शिक्षा विभाग ने अपनी सूची दि है उसका वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है. वही जिला शिक्षा अधिकारी सीके धृतलहरे बताते है कि हमने BEO और BRC के माध्यम से भौतिक सत्यापन करवाया है जिसमे RES की रिपोर्ट से भिन्नता पाई गई है. इसके लिए हमने RES विभाग को पत्र लिख भौतिक सत्यापन के लिए और जहा कार्य प्रारम्भ नही हुआ है वहा कार्य कराकर सम्बंधित स्कूलों से पूर्णता प्रमाण पत्र लेकर प्रेषित करने कहा है.
क्या जांच टीम वास्तविक रिपोर्ट सौपेंगी
मुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में किये गए कार्यो की समीक्षा करते हुए जिले के कई विभाग प्रमुख सहित शिक्षा और RES विभाग के अधिकारियों की सामूहिक बैठक बुलाकर स्पष्ट करते हुए कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर जिला स्तर एवं ब्लाक स्तर की जांच टीम 10 दिवस में अपनी रिपोर्ट देंगे लेकिन जांच टीम में वे अफसर भी शामिल है जिनके ऊपर खुद जांच की आंच आ सकती है। ऐसे में क्या निष्पक्ष जांच हो पाएंगे या फिर यही लोग जांच प्रभावित करेंगे इसलिए जांच टीम में विरोधाभास लग रही है..!
मामले पर होगा बड़ा खुलासा
सरकार ने जर्जर और विघटन योग्य स्कूलों की मरम्मत व अतिरिक्त भवन निर्माण कार्य के लिए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना पर करोड़ो रूपये पानी की तरह बहाए लेकिन घोटालों की वजह से स्कूल जर्जर ही रह गये है और बच्चे उसी जर्जर स्कूल में पढ़कर अपना भविष्य संवार रहें है. हाल में ही सीएम विष्णुदेव साय ने मरम्मत किये गए कार्य की गड़बड़ी पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसपर जांच के आदेश दिए है. जिसका असर अब मुंगेली में दिख रहा है जहां मुंगेली कलेक्टर ने जांच टीम गठित करके 10 दिवस के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है जिससे मामले पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
RES की प्रारंभिक रिपोर्ट पर बड़ा खुलासा
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में शिक्षा विभाग और RES की रिपोर्ट की भिन्नता पर शिक्षा विभाग द्वारा दिये गए पत्र के आधार पर RES ने प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि उनके रिकार्ड में 487 कार्य पूर्ण हो चुके है जिसमे 45 कार्य अप्रारंभ बताया गया जबकि ये आंकड़े पिछली बार 30 बताए गए थे. इस मामले पर RES के कार्यपालन अभियंता पी एल पड़वार ने बताया कि यह प्रगतिरत कार्य थे जो अप्रारंभ है. खबर है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में अप्रारंभ कार्यों को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किया. RES ने 27 अप्रारंभ कार्यो को निरस्त करके शिक्षा विभाग को इसकी राशि वापस कर दी गई थी. इस निर्देश के आड़ में मुंगेली में RES विभाग ने कई कार्य जो शुरू ही नही हुए है उसे प्रगतिरत बता दिया और जमकर खेला हो गया। सरकार ने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में जमकर धांधली होने की आशंका जाहिर की है ऐसे में इस बात का खुलासा होना कि आनन फानन में RES विभाग ने आखिर किस वजह से अप्रारंभ कार्यो को प्रगतिरत बताया है ,यह बड़ा सवाल है. साथ ही इस बात का भी खुलासा होगा कि इतने बड़े पैमाने पर हुए घोटाले का आखिर मास्टरमाइंड है कौन?