पैरालीगल वांलिण्टियर्स के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

कोरबा 28 जून. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के प्लॉन ऑफ एक्शन में एक दिवसीय पैरालीगल वॉलिंटियर का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाना अनुदेशित है, उक्त परिपालन में अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्री सत्येन्द्र कुमार साहू, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के अध्यक्षता में 27.06.2024 को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कर, कोरबा जिले के जिला एवं तालुका स्तर के समस्त पैरालीगल वॉलिंटियरों की समीक्षा बैठक आहूत की गई।
उक्त समीक्षा बैठक में श्री सत्येंद्र कुमार साहू, अध्यक्ष के द्वारा पैरालीगल वालीण्टियर्स के कार्य एवं उनके कार्यक्षेत्र के संबंध में आ रही समस्याओं के संबंध में विस्तार से जानकारी लेते हुए उपस्थित समस्त पैरालीगल वॉलिंटियर को निर्देशित करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के द्वारा आयोजित किए जा रहे विशेष लोक अदालत 29 जुलाई 2024 से 03 अगस्त 2024 का जिला एवं तालुका स्तर पर अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाए तथा 13 जुलाई 2024 को राष्ट्र स्तर पर आयोजन किये जा रहे नेशनल लोक अदालत का जिला एवं तालुक स्तर के समस्त पिछडे़ ग्रामों, दुर्गम स्थलों में प्रचार-प्रसार किया जा कर आमजनों को उक्त नेशनल लोक अदालत का अधिक से अधिक लाभ लिए जाने हेतु प्रेरित करें।
कु0 डिम्पल, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा पैरालीगल वॉलिंटियर को निर्देशित करते हुए कहा की समस्त पैरालीगल वॉलिंटियर नालसा के प्लॉन ऑफ एक्शन 2024-25 में दिए गए दिशा-निर्देशों का अक्षरसह पालन करते हुए समस्त विधिक गतिविधियां जैसे नालसा के समस्त 11 योजनाओं का आमजनों के बीच विधिक जागरूकता शिविर तथा विधिक जानकारी निहित पाम्पलेटों के माध्यम से जागरूकता लाना, बच्चों तथा वरिष्ठजनों के अधिकारों के संबंध में जागरूकता हेतु वृद्धाश्रम तथा विद्यालयों में जाकर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन कर जारूकता का आयोजन करें तथा उक्त संबंध में की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करे। दैनिक रूप से विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन कर आम जनों को विधिक जानकारी देकर जागरूक करते हुए किए गए विधिक गतिविधियों की पंजी भी संधारित करें। प्रत्येक पैरालीगल वॉलिंटियर जिन्हें बचपन बचाओ आंदोलन के तहत नाबालिग बच्चों के गुमशुदगी से संबंध में मॉनीटरिंग हेतु नियुक्त किए गए हैं वे थानों के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत गुमशुदा हुए नाबालिग बच्चे दस्तयाब हुए अथवा नहीं और यदि नहीं हुए तो थानों के द्वारा कार्यवाही का स्तर आदि के संबंध में प्रत्येक माह प्रतिवेदन आवश्यक रूप से प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करें।

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