CG पुलिस भर्ती- सब इंस्पेक्टर, सूबेदार व प्लाटून कमांडर के फिजिकल टेस्ट के लिए सूची जारी
रायपुर 11 जून 2024। सूबेदार, सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर की भर्ती के लिए 370 अभ्यर्थी को और योग्य पाया गया है। बिलासपुर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर आये फैसले के आधार पर 370 अभ्यर्थियों को फिजिकल टेस्ट के लिए चयनित किया गया है। इस संबंध में व्यापम की तरफ से सभी 370 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गयी है। दरअसल 20 मई 2024 को हाईकोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया था।उल्लेखनीय है कि, एसआई- प्लाटून कमांडर भर्ती के लिए प्रारंभिक एग्जाम लिया गया और मेरिट सूची जारी की गई थी। व्यापम ने मुख्य परीक्षा के पहले ही आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए कैटेगरी वाइज सूची जारी कर दी गई थी। जिसके कारण जनरल कैटेगरी के बहुत से उम्मीदवारों का नाम सूची में नहीं आ सका। अब अतिरिक्त अभ्यर्थियों की सूची जारी की गयी है।
रिट याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने सूबेदार, सब-डब्ल्यूईडी इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर (विशेष शाखा), प्लाटून कमांडर, सब-इंस्पेक्टर की नियुक्ति के लिए राज्य द्वारा शुरू की गई चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए राहत की मांग की थी। हस्तलेखन विशेषज्ञ, उप-निरीक्षक (प्रश्नांकित दस्तावेज़), सभी श्रेणियों में विज्ञापन दिया गया था। अवर निरीक्षक और सब-इंस्पेक्टर (रेडियो)। कुल 975 रिक्तियां। कोर्ट द्वारा 23 अगस्त 2023 को पारित आदेश के परिपालन में राज्य द्वारा बंद लिफाफे में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। याचिकाओं के इस समूह में, अधिकांश याचिकाओं में प्रतिवादियों द्वारा उत्तर दाखिल किया जा चुका है। कुछ याचिकाओं में, उत्तर अभी भी प्रतीक्षित है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से यह प्रस्तुत किया गया है कि चूंकि कुछ याचिकाओं में अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया गया है, इसलिए याचिकाओं के त्वरित निपटान की कोई संभावना नहीं है। राज्य की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता संदीप दुबे और संबंधित उत्तरदाताओं की ओर से उपस्थित अन्य वकील याचिकाकर्ताओं की ओर से मांग की है कि जिन याचिकाओं में अभी तक उत्तर दाखिल नहीं किया गया है, उन्हें तीन सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाएगा और फिर मामले की अंतिम सुनवाई हो सकती है।
यह था पूरा विवाद
उल्लेखनीय है कि, एसआई- प्लाटून कमांडर भर्ती के लिए प्रारंभिक एग्जाम लिया गया और मेरिट सूची जारी की गई थी। व्यापम ने मुख्य परीक्षा के पहले ही आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए कैटेगरी वाइज सूची जारी कर दी गई थी। जिसके कारण जनरल कैटेगरी के बहुत से उम्मीदवारों का नाम सूची में नहीं आ सका। व्यावसयिक परीक्षा मंडल की ओर से जारी सूची को चुनौती देते हुए जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों ने अपने-अपने वकील के जरिए हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। केस में उनकी तरफ से सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी, अभिषेक सिन्हा सहित दूसरे वकील ने पैरवी की थी।
20 गुना उम्मीदवारों का नहीं हुआ चयन
याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि, सूची में भर्ती नियमों का पालन नहीं किया गया और नियमों के खिलाफ प्रारंभिक सूची जारी की गई। इस वजह से याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। याचिका में यह भी बताया गया था कि, नियमानुसार प्रारंभिक सूची में खाली पदों के 20 गुना उम्मीदवारों का चयन किया जाना था। लेकिन, कैटेगरी वाइस प्रारंभिक सूची बनाई गई है, जिसका खामियाजा जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को भुगतना पड़ा और उन्हें मुख्य परीक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। नियम विरुद्ध होने के कारण इस सूची को निरस्त कर कर नए सिरे से मेरिट सूची जारी करने की मांग की गई है।
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