आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा.. 30 से अधिक पंजीकृत अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही
रायपुर. आयुष्मान योजना में पंजीकृत निजी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी और फर्जीवाड़े पर विष्णु देव सरकार सख्त कदम उठा रही है। विष्णु के सुशासन में अब मेडिकल माफियाओं की खैर नही है। जन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने विष्णु सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों पर कार्यवाही में लग गया है। आयुष्मान भारत मे अस्पतालो कि शिकायत रहती है कि पेमेंट सही समय और अप्रोच पर ही हो पाता है, विष्णुदेव सरकार के निर्देशानुसार अब फीफा के माध्यम से फर्स्ट कम फर्स्ट आउट के आधार पर पेमेंट किया जा रहा। अब अस्पतालो को पेमेंट के लिए कोई जुगाड़ लगाना नही पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 30 से अधिक पंजीकृत अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्यवाही की है और लाखों रुपये का जुर्माना लगाया है।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य नोडल एजेंसी ऋतुराज रघुवंशी ने प्राप्त हो रही शिकायतों पर जिला स्तर पर जिला शिकायत निवारण समिति (DGRC) तथा राज्य स्तर पर राज्य शिकायत निवारण समिति (SGRC) में निराकरण कर रहे है और शिकायत सही पाए जाने पर जुर्माना और ब्लैक लिस्टिंग की कार्यवाही की जा रही है। शिकायतों पर राज्य एवं जिला स्तरीय निरीक्षण टीम के द्वारा नियमित रूप से योजना की समीक्षा की जाती है। इसी क्रम में राज्य के 30 पंजीकृत अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है ।
आयुषमान योजना के द्वारा ईलाज हेतु भर्ती मरीजों से 104 आरोग्य सेवा के द्वारा फीडबैक भी ली जा रही है। जिसमें मरीजों से अतिरिक्त राशि लिए जाने, उपचार में कोई शिकायत, अस्पताल में साफ सफाई के साथ साथ चिकित्सक तथा स्टाफ़ के व्यवहार संबंधी जानकारी है। ऐसे अस्पताल जिनके द्वारा अतिरिक्त राशि लेने की पुष्टि हुई है उसके विरुद्ध अर्थदंड की कार्यवाही की जा रही है। कुछ अस्पताल हेल्थ पैकेज कोड के विपरीत क्लेम बुक किये है ऐसे क्लेम को निरस्त या आंशिक भुगतान की गई है। मरीज जिनका इलाज ओ पी डी में की जा सकती है उन मरीजों को आई पी डी के रूप में भर्ती कराया जाता है ऐसे अस्पताल के विरुद्ध भी गाइडलाइन के अनुसार सख्ती से कार्यवाही निरंतर जारी है। जिले के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देशित किया गया है कि जिला स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सक की टीम द्वारा औचक निरीक्षण किया जाए ।
जिन अस्पताल में एक ही प्रकार के क्लेम की संख्या अधिक रिपोर्ट की जा रही हो वहां स्थल निरीक्षण भी की जा रही है और भर्ती मरीज से सीधे जानकारी ली जाकर कार्यवाही शामिल हैं। विभिन्न माध्यमों में प्राप्त शिकायतों के आधार पर रायपुर जिले के 11 बिलासपुर 9 तथा महासमुंद , बलौदाबाजार ,कोंडागांव, दुर्ग के अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी किए गए है। एकता हॉस्पिटल, शिव अमृता अस्पताल कोंडागांव, दक्ष अस्पताल बिलाईगढ़ जिला सारंगढ़, माँ यशोदा अस्पताल गरियाबंद, जय पताई माता अस्पताल , श्री राम अस्पताल, श्री उत्तम साईं केयर हास्पिटल जिला महासमुंद, कृष्णा अस्पताल दुर्ग , स्टार चिल्ड्रन अस्पताल, सराफ ई एन टी अस्पताल , प्रभा हास्पिटल एवं ट्रामा केयर, ओंकार अस्पताल , केयर एवं क्योर अस्पताल, आरबी इंस्टीट्यूट, यशोदा अस्पताल, आर बी अस्पताल , किम्स अस्पताल जिला बिलासपुर, अशोका सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल , सी आई एम् टी हास्पिटल , हेरिटेज अस्पताल , मित्तल इंस्टीट्यूट, सत्यम अस्पताल , दानी केयर , श्री राम मल्टी स्पेशिलिटी, कालडा बर्न एवं प्लास्टिक सेंटर , अंकुर अस्पताल , न्यू वंदना अस्पताल , साईं समर्थ अस्पताल जिला रायपुर।
आरोग्यम सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल, दुर्ग द्वारा आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के अंतर्गत नियम विरुद्ध किये गये कार्यों की जांच की गई हितग्राहियों से अतिरिक्त नगद राशि लिए जाने की पुष्टि की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के दिशा निर्देश रुपये 2 लाख 28 हजार की पाँच गुना राशि रुपये 11लाख 41 हजार का अर्थदण्ड लगाया गया। साथ ही भविष्य में पुनरावृत्ति करने पर निलंबन की कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई। आयुष्मान भारत जन अरोग्य योजनांतर्गत पंजीकृत अस्पताल जय तुलसी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल स्टेडियम रोड बसंतपुर, राजनांदगांव के विरुद्ध श्री हीरालाल साहू के शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजनांदगांव द्वारा जांच समिति गठित किया गया था। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि अस्पताल के द्वारा मरीज को जनरल वार्ड में भर्ती कराया गया था परंतु आयुष्मान कार्ड से आई.सी.यू का पैकेज रेट अनुसार राशि की कटौती की गई। इसके अतिरिक्त मरीज से अस्पताल में भर्ती के समय ओ.पी.डी. पंजीयन के दौरान तीन हजार रूपये नगद राशि ली गई। नियमानुसार यह राशि मरीज को वापस किया जाना था किन्तु नहीं किया गया।
अस्पताल द्वारा किये गये उक्त कृत्य योजना के नियमों का उल्लंघन की श्रेणी में पाये जाने पर उक्त अस्पताल को 03 माह के लिए योजना से निलंबित किये जाने की अनुशंसा किया गया। अतः राज्य नोडल एजेंसी के द्वारा इस आशय का आदेश प्रसारित किया गया एवं यह भी निर्देशित किया गया कि मरीज से ली गई नगद राशि वापस की जावे।