CG Govansh Abhyaran yojana: विष्णुदेव की इस योजना से छत्तीसगढ़ में बंपर रोजगार !
छत्तीसगढ़ में रोजगार और पलायन का मुद्दा हमेशा हावी रहा है। छत्तीसगढ़ के रहवासी प्रदेश से बाहर बंधुआ मजदूरी करने के लिए जाते हैं। वे प्रदेश छोड़कर इसलिए जाते हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ में रोजगार के संसाधन अभी पर्याप्त नहीं है या फिर यूं भी कह सकते हैं कि रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सरकार पलायन रोकने और स्थानीय स्तर पर पंचायत में रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से नई योजना लाई है। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने गौवंश अभयारण्य योजना लेकर आई है। इस योजना से छत्तीसगढ़ में जहां आवारा मवेशियों को सड़कों में विचरण और हादसे से रोका जा सकेगा। गायों का संरक्षण बीजेपी सरकार और बीजेपी के मुख्य मुद्दों में से रहा है। अब इनके संरक्षण के लिए गौवंश अभयारण्य योजना के माध्यम से गायों को संरक्षित किया जाएगा। वहीं गांव में ही सरकार इन अभयारण्य में रोजगार भी उपलब्ध कराएगी।
गौठान की तर्ज पर गौवंश अभयारण्य
छत्तीसगढ़ में गौवंश के संरक्षण को लेकर सरकार गौवंश अभयारण्य बनाने जा रही है। इनमें से अधिकांश अभयारण्य उन स्थानों पर विकसित किया जाएंगे, जहां पहले गौठान बने हुए थे। यानी सीधे शब्दों में कहा जाए तो सरकार गौठानों का विस्तार कर उसे गौवंश अभयारण्य में बदलने की तैयारी कर रही है। बता दें कि कांग्रेस सरकार में दावा किया गया था कि प्रदेश में 6 हजार से अधिक गौठानों को विकसित किया गया है। वहीं 11 हजार से ज्यादा गौठानों को विकसित करने स्वीकृति दी गई थी।
इस योजना की तर्ज पर होगा संचालन
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की विष्णुदेव साय सरकार ने गौवंशों को संरक्षित करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। यह योजना केंद्र की गोवर्धन योजना की तरह ही चलाई जाएगी। जानकारी मिली है कि जिन स्थानों पर कांग्रेस सरकार में गौठान बनाए गए थे, उनमें भारी मात्रा में सरकार के रुपए खर्च हुए हैं। इसके चलते इन्हीं गौठानों को सरकार अभयारण्य के रूप में विस्तार देगी। ऐसा माना जा रहा है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि सरकार की ओर से नहीं की गई है।
गांव में ही इस तरह मिलेगा रोजगार
जानकारी मिली है कि गौवंश अभयारण्य योजना को इस तरह से अमलीजामा पहनाया जाएगा कि इसमें किसी तरह के भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न रहे। प्रदेश स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग के लिए एक सेल गठित किया जाएगा। इसके माध्यम से अभयारण्य की मॉनिटरिंग की जाएगी कि इन स्थानों पर पर्याप्त पानी, चारे की व्यवस्था है या नहीं। इन अभयारण्य के विकसित होने के बाद सड़कों पर आवारा मवेशी नहीं दिखेंगे, इन्हें अभयारण्य में लाया जाएगा। वहीं सरकार गांव में स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत के लोगों को इसकी जिम्मेदारी देगी। अभयारण्य में देखरेख समेत अन्य काम स्थानीय स्तर पर ही लोगों को दिए जाएंगे। इससे छत्तीसगढ़ में बड़े स्तर पर रोजगार का सृजन भी होगा।
24 घंटे मौजूद रहेंगे कर्मचारी
जानकारी मिली है कि छत्तीसगढ़ में स्थानीय स्तर व ग्राम पंचायत, गांव में ही युवाओं और महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का सरकार का प्लान है। इस प्लान से छत्तीसगढ़ से होने वाले बड़े स्तर पर पलायन पर भी रोक लगेगी। गौवंश अभयारण्य के माध्यम से स्थानीय युवाओं और महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। अभयारण्य को अच्छे से संचालित करने के लिए यहां तीन शिफ्ट में कर्मचारियों की ड्यूटी लगेगी। इससे यह होगा कि गायों की 24 घंटे देखभाल हो सकेगी।
इसी तरह महिलाओं को भी अभयारण्य की अन्य गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। अभयारण्य को स्थानीय स्तर पर रोजगार केंद्र के रूपन में विकसित करने का प्लान विष्णुदेव साय सरकार का है। हालांकि अभी इस पर सरकार ने कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। गौवंश अभयारण्य को विस्तार देने के लिए अभी और इंप्लीमेंट किया जा रहा है। चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद इस योजना की पूरी रूपरेखा सामने आ जाएगी।