अवैध कोयला उत्खनन समस्याः खनन प्रहरी एप से रूकेगी कोयला चोरी
कोरबा 20 मई। कोयला खदानों व आसपास अवैध कोयला उत्खनन बड़ी समस्या बन गया है। इससे निपटने के लिए खनन प्रहरी एप लांच किया गया था। पहले केवल विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को ही इसके उपयोग का अधिकार था। एप में बदलाव करते हुए सिटीजन मूवमेंट की शुरुआत की गई है। अब आम लोग भी मोबाइल पर फोटो खींचकर मौके के लोकेशन के साथ एप के माध्यम से शिकायत कर सकेंगे। कोल इंडिया से संबद्ध कोल कंपनियों की खदानों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
बात साऊथ कोल ईस्टर्न कोल फिल्ड लिमिटेड (एसईसीएल) की करें तो यहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के अलावा त्रिपुरा स्टेट रायफल्स के जवान तैनात किए गए हैं। साथ ही विभागीय सुरक्षाकर्मियों का भी अमला है। इसके बावजूद कबाड़ व डीजल की चोरी की घटना के साथ कोयला का अवैध उत्खनन हो रहा। मोटी रकम खर्च के बाद भी खदान क्षेत्र से होने वाली चोरी की घटनाएं कोयला मंत्रालय के लिए चिंतनीय है। इसके लिए कोयला मंत्रालय ने प्रहरी मोबाइल एप लांच किया था। अब इसे तकनीकी रूप से अपग्रेड करते हुए सिटीजन मूवमेंट से जोड़ दिया गया। पहले यह व्यवस्था कि विभागीय कर्मी ही एप से चोरी की घटनाओं की शिकायत कर सकते थे। अब आमलोग भी अवैध उत्खनन की शिकायत इस एप के माध्यम से कर सकेंगे। इसकी सीधी निगरानी कोयला मंत्रालय से की जा रही है।शिकायत मिलते ही लोकेशन के आधार पर कोल इंडिया के अधिकारी व सुरक्षा बल मौके पर पहुंचेगी। आवश्यकता पडने पर मामले को पुलिस को सौंपी जाएगी।
केंद्र सरकार ने संसाधन की रक्षा करने लोगों को आगे आने के लिए प्रेरित किया है। कहा गया है कि यह एक सशक्त माध्यम है। आइए हम सब मिलकर संसाधन की रक्षा करें और बदलाव की उत्प्रेरक बने। इसके समस्या का अभिनव समाधान निकलेगा। मंत्री जोशी ने लोगों से आह्वान किया है कि खनन प्रहरी एप को डाउनलोड करें और लोकेशन के साथ तस्वीरें और वीडियो टैग कर जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दें।खनन गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए खनन प्रहरी एक मोबाइल एप है। यह एक वेब एप कोयला खनन निगरानी और प्रबंधन प्रणाली है। किसी भी अवैध कोयला खनन घटना की भू-टैग की गई तस्वीरों के साथ घटना के स्थान टैकस्ट मैसेज से भेजा जा सकता है। जिसके आधार पर कार्रवाई की जानी है। यह नागरिकों को कोयला चोरी और अवैध खनन के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का अधिकार व अवसर देता है। इस पहल से अवैध खनन और कोयला चोरी पर अंकुश लगने की उम्मीद है।