गांव के समीप कोयला उत्खनन से बढ़ी समस्या, जानमाल को खतरा व प्रदूषण की समस्या से लोग त्रस्त
कोरबा 12 मई। एसईसीएल गेवरा क्षेत्र द्वारा ग्राम अमगांव का सम्पूर्ण भूमि का अर्जन कर कोयला खनन विस्तार के लिए किया जा रहा है। वर्तमान में अर्जित क्षेत्र के दर्राखांचा, जोकाहीडबरी के क्षेत्र पर गेवरा क्षेत्र के बजाय एसईसीएल की दीपका क्षेत्र द्वारा रिहायसी क्षेत्र से मात्र 15 मीटर दूरी पर मिट्टी व कोयला उत्खनन कार्य का विस्तार किया गया है जिसके कारण जानमाल को खतरा व प्रदूषण की समस्या निर्मित हो गई है।
यहां निवासरत भूविस्थापितों की मुआवजा, रोजगार, बसाहट की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। वार्ता में दिए गए आश्वसन पर कार्यवाही नहीं की जा रही है। इससे नाराज भूविस्थापित परिवार द्वारा मिट्टी व कोयला उत्खनन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की जा रही है।ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने कलेक्टर और पर्यावरण सरंक्षण मंडल से गांव की सुरक्षा और समस्याओं का समाधान होने तक इस क्षेत्र में उत्खनन कार्य को बंद रखने की मांग की है। समिति ने कहा है कि ग्राम अमगांव के आश्रित मोहल्ला जोकाहीडबरी के शेष बचे 91 परिवार के मकानों का मुआवजा का निर्धारण 8 वर्ष पूर्व किया गया था जिसका मुआवजा पत्रक बन जाने के बावजूद भुगतान नहीं किया जा रहा है। पूर्व में जिनका मुआवजा भुगतान किया गया है उनका 100 प्रतिशत सोलिशियम प्रदान किया जाना शेष है। दर्राखांचा के मकानों का नापी एक वर्ष पूर्व किया गया है किन्तु नापी के बाद परिसम्पतियों, मकानों का बनाए गए मुआवजा राशि की जानकारी सहित पावती प्रदान नहीं किया गया है। ग्राम अमगांव के लिए नेहरूनगर बतारी में दिए गए पुनर्वास स्थल में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई है। रोजगार, बसाहट, मुआवजा का शेष प्रकरण, वैकल्पिक रोजगार, पेयजल संकट आदि मांगो को लेकर हुई वार्ता में दिए गए आश्वासन के अनुसार कार्यवाही पूर्ण नहीं की गई है।