मृतक की पत्नी को पीएमएसबीवाई योजना के तहत देगा दो लाख क्षतिपूर्ति राशि
उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सुनाया फैसला
कोरबा 11 मई। उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग कोरबा ने फैसला सुनाते हुए नेशनल इंश्योंरेंस कंपनी लिमिटेड को पीड़ित को पीएमएसबीवाई योजना के तहत दो लाख रूपये देने कहा है। साथ ही मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के एवज में 10 हजार व वाद व्यय के रूप में पांच हजार रूपये देने का भी आदेश दिया है।
मामला भारतीय स्टेट बैंक कुसमुंडा से जुड़ा हुआ है। प्रेमनगर भैरोताल निवासी श्यामलाल लाल बंजारे का खाता स्टेट बैंक में संचालित था। श्यामलाल की मौत 21 अप्रैल 2021 को खेलार नाला कुचैना में पानी में डूबने से हो गई। पति की मृत्यु के उपरांत पत्नी सुशीला बाई बंजारे ने बैंक खाते से पीएमएसबीवाय योजना के अंतर्गत बीमा राशि को प्राप्त करने के लिए बैंक शाखा में 22 जुलाई 2021 को एक लिखित आवेदन पत्र सभी प्रकार के आवश्यक दस्तावेज व प्रपत्र संलग्न कर प्रस्तुत कियाए पर सुशीला बाई के साथ टालमटोल की नीति अपनाई गई। चूंकि मृतक का खाता भारतीय स्टेट बैंक से संचालित था और उक्त खाता में बीमा नेशनल इंश्यारेंस कंपनी लिमिटेड से जारी किया गया था। इस पर उपभोक्ता आयोग के समक्ष दोनों के विरुद्ध सुशीला बाई द्वारा दावा पेश किए गया।
जहां भारतीय स्टेट बैंक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के पेट एवं उसके भूतल की वस्तुएं में अल्कोहल पाया गया। इस संबंध में बीमा कंपनी की ओर से भारतीय स्टेट बैंक को पत्र 16 सितंबर 2022 को दिया गया। इसमें मृतक के शरीर में शराब का सेवन किए जाने के कारण पानी में डूबने से मृत्यु बताया। इस कारण से भारतीय स्टेट बैंक का कोई दायित्व मृतक को दावा राशि दिए जाने के लिए नहीं बनता है क्योंकि मृतक द्वारा बीमा की शर्तो का उल्लंघन किया गया है तथा उसकी मृत्यु शराब पीने के कारण हुई है। बीमा कंपनी एवं बैंक द्वारा अपने तर्क के समर्थन में पोस्टमार्टम रिपोर्ट व पुलिस अंतिम जांच निष्कर्ष प्रतिवेदन के अवलोकन से उपभोक्ता आयोग के समक्ष तथ्य सामने आया कि प्रस्तुत शव परीक्षण प्रतिवेदन में मृतक के पेट में शराब मिलना कहा गया है। इसके अलावा चिकित्सक द्वारा भी स्व श्याम रतन बंजारे की मृत्यु पानी में दम घुटने की वजह से होना बताया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्टए पुलिस अंतिम जांच प्रतिवेदन से भी यह स्पष्ट नहीं होता है कि मृतक श्याम रतन बंजारे दुर्घटना के समय अत्यधिक शराब के नशे में थाए जिसकी वजह से ही वह पानी डूबा होगा। ऐसी स्थिति में बीमा धारक का शराब का सेवन करना ही बीमा पालिसी निरस्त करने का एक मात्र आधार नहीं हो सकताए जबकि बीमा की अन्य शर्ते लागू हैं।
इस प्रकरण में प्रतिपक्ष यह प्रमाणित नहीं कर पाया कि दुर्घटना के समय मृतक श्याम रतन बंजारे नशीली शराब के प्रभाव में था एवं दुर्घटना का कारण मृतक द्वारा शराब का सेवन करना था। प्रकरण में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग कोरबा के रंजना दत्ता अध्यक्षए ममता दास सदस्यए पंकज कुमार देवड़ा सदस्य ने आदेश जारी करते हुए क्षतिपूर्ति राशि के साथ ही परिवादिनी को मानसिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति व वाद व्यय देने का आदेश दिया है। इस प्रकरण में पीड़िता सुशीला बाई की ओर से अधिवक्ता छतराम साहू ने पैरवी की।