कुकरीचोली संदिग्ध मौत मामलाः ठेकेदारों ने काम कराया पर नहीं किया भुगतान, पुलिस कार्रवाई जारी

कोरबा 10 मई। कुकरीचोली गांव में पति-पत्नी और एक बालिका के शव मिलने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। पुलिस अलग-अलग बिंदुओं को लेकर इस मामले में जांच कर रही है। इधर मौके से मिले सुसाइड नोट में जो कुछ बात लिखी हुई है उसका मुख्य बिंदु यही है कि जयराम रजक से कुछ ठेकेदारों ने काम कराया लेकिन भुगतान नहीं किया। इससे त्रस्त होकर उसने इस तरह का कदम उठा लिया।

उरगा पुलिस ने कुकरीचोली गांव से जुड़े संदिग्ध मौत के इस मामले में 174 सीआरपीसी के तहत मर्ग कायम किया है और जांच में जुटी है। गुरुवार की सुबह जयराम रजक पत्नी सुजाता रजक और एक वर्ष की बेटी के शव यहां मिले थे। जयराम का शरीर लहूलुहान था जबकि पत्नी के गले में किसी चीज से बांधने के निशान थे। इससे कयास लगाया जा रहा था कि उन्हें मारने के बाद जयराम की मौत हुई होगी। शुरुआती स्तर पर मामले को लेकर समझा जा रहा था कि किसी अन्य ने यह सब किया होगा लेकिन घटना स्थल पर दरवाजा भीतर से लगे होने और कोई और रास्ता नहीं होने से माना गया कि तीसरे व्यक्ति की भूमिका का सवाल नहीं उठता है। फोरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क्वायड की मदद भी इस काम में ली गई। इधर पता चला है कि मौके से ही जांच के दौरान पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें कई चीजें लिखी गई। इसमें पुलिस का ध्यान इस बात पर गया कि जयराम ठेकेदारी के काम से जुड़ा हुआ था। पूर्व में उसके द्वारा कई ठेकेदारों के लिए काम किये गए।

संबंधित पार्टियों की ओर से उसे भुगतान नहीं किया गया। यह राशि काफी ज्यादा हो गई हालांकि इसका स्पष्ट जिक्र नहीं किया गया है। नोट में लिखा गया कि भुगतान नहीं मिलने से कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हुई जिससे वह परेशान था। बार-बार की किचकिच को लेकर उसने खुद को समाप्त कर लिया। इसके अलावा अपने परिवार को भी जीवित नहीं छोड़ा। आगे की जांच का काम पुलिस ने जारी रखा है। सुसाइड नोट की लिखावट के लिए फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की मदद लेने के साथ पुलिस आगे उस दिशा में जांच के लिए बढ़ सकती है, जिनके बारे में उल्लेख किया गया है। देखना दिलचस्प होगा कि उरगा पुलिस की जांच इस प्रकरण में वास्तविक दोषियों को खोजने और उन्हें दंडित कराने के लिए कितनी कारगर होती है।

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