कोरबा में पशु तस्कर गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार, 23 मवेशियों को पुलिस ने बचाया

कोरबा 21 सितम्बर। पशुओं को संरक्षित करने के लिए बनाए गए कड़े नियम कानूनों के बावजूद तस्करों की हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही है। बांगो पुलिस ने बीती रात ऐसे 23 मवेशियों को तस्कर गिरोह के कब्जे से छुड़ा लिया। मवेशियों को काटने के लिए यूपी ले जाने की बात आरोपियों ने कही है। इनमें से एक यूपी, एक झारखंड और एक सरगुजा का रहने वाला है।पुलिस सूत्रों के अनुसार रात्रि 3.10 बजे बांगो पुलिस ने इस कार्रवाई को नेशनल हाईवे संख्या 130 में विकासखंड मुख्यालय पोड़ी उपरोड़ा के पास अंजाम दिया। रात में ही पुलिस के पास पशु तस्करी किये जाने से संबंधित सूचना मुखबिर के जरिए प्राप्त हुई थी। इसमें बताया गया था कि बड़ी संख्या में मवेशियों को छत्तीसगढ़ से यूपी के एक बूचड़खाना में ले जाने की तैयारी है जो अवैध तरीके से अभी भी चल रहा है। सूचना काफ ी गंभीर थी इसलिए पुलिस ने रात्रिकालीन पेट्रोलिंग के साथ संबंधित क्षेत्र में नाकाबंदी कर दी। इसके साथ ही मौके पर पुलिस कर्मियों को मुस्तैद किया गया। व्यवस्था ऐसी की गई कि चाहकर भी तस्कर गिरोह और उसके सहयोगी यहां से किसी भी तरह निकल न सके। टीआई अनिल पटेल ने बताया कि रात्रि 3.10 बजे बिलासपुर की तरफ  से आ रहा ट्रक संख्या यूपी.21सीएन.5808 यहां पर रोका गया। चूंकि सूचना इसी के बारे में थी इसलिए पर्याप्त पुलिस बल के साथ यहां एहतियात पूर्वक कार्रवाई की गई। वाहन के पिछले हिस्से की जांच करने के साथ पाया गया कि वहां 23 भैसों को भरा गया था। यह काम निर्दयतापूर्वक किया गया। पूछताछ करने पर बताया गया कि मवेशियों को बिलासपुर जिले से भरा गया था और उत्तरप्रदेश भेजने की प्लानिंग थी। स्पष्ट नहीं किया गया है कि यूपी के किस बूचड़खाना में इन्हें समाप्त किया जाना था। पुलिस इस मामले में पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। इस प्रकरण में ट्रक के साथ गिरफ्तार किये गए अंतरराज्यीय पशु तस्कर गिरोह के सदस्य नबी आलम 21 वर्ष पिता मुआरीन दमस साकिन गुरैल मुरादाबाद थाना मराढेर, अब्बास अंसारी 42 वर्ष पिता रहमुद्दीन निवासी तेंदनापखला थाना मेरार जिला गढ़वा झारखंड और दरिमा सरगुजा के अशफ ाक जुलहा 38 वर्ष पिता वकील अहमद पर छत्तीसगढ़ पशु क्रूरता अधिनियम 6.10 और 11 का प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि जिस तरह से बड़ी संख्या में मवेशियों को छत्तीसगढ़ के रास्ते से पार किया जा रहा है। उससे संभव है कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर इस तरह के काम को करने में लगा हो। आश्चर्य का विषय यह है कि पशु क्रूरता संबंधी मामलों में कठोर कार्रवाई करने के प्रावधान बनाए गए हैं और लगातार ऐसा हो रहा है, फिर भी तस्करों की गतिविधियां क्यों नहीं थम रही है। पुलिस को उम्मीद है कि यहां पकड़े गए तीन तस्करों के माध्यम से कुछ और मामलों में अहम् जानकारी मिल सकती है।
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