गेट जाम कर धरने पर बैठे बालको के मजदूरों पर पुलिस ने भांजी लाठी

कोरबा 03 जनवरी। बाल्को में वेतनमान में 12 प्रतिशत बढ़ोत्तरी करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर गेट जाम आंदोलन कर रहे श्रमिकों की भीड़ को तितर- बितर करने पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए मजदूरों पर लाठी बरसा दी। घटना के बाद मजदूर में भगदड़ मच गई। इस घटना में कुछ मजदूरों को हल्की चोट लगी है। घटना के वक्त पुलिस के शीर्ष अफसर भी मौजूद थे।

बाल्को में कार्यरत कर्मियों के एलटीएस के नाम पर स्कीम फार स्कैम की जानकारी नहीं देने, वेतन में बढ़ोत्तरी करने के बजाए 12 से घटा कर आठ प्रतिशत करने समेत अन्य मुद्दों को लेकर नाराजगी व्याप्त है। पिछले चार दिनों से संयंत्र के अंदर किसी न किसी तरह से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। हालांकि इस दौरान श्रमिकों को समझाइश देने का भी प्रयास किया जा रहा, पर मामला शांत नहीं हो रहा था। बताया जा रहा है कि सोमवार को भी संयंत्र के अंदर विरोध दर्ज कराया गया, तब प्रबंधन ने वार्ता की और समझाइश दिया। बाद में कुछ लोगों का गेटपास रोक दिया गया। साथ ही कुछ मजदूरों को निलंबित कर दिया गया। इससे नाराजगी बढ़ गई है। इधर संयुक्त श्रमिक संघ एचएमएस, भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध बीकेएस, नाम्स व इंटक के दूसरे गुट ने परसाभाठा गेट में आमसभा कर मजदूरों को पूरे घटना क्रम की जानकारी देने तथा बाल्को के सीईओ के बंगले में जाकर स्थिति से अवगत कराने का निर्णय लिया। मंगलवार को जब कर्मी संयंत्र के अंदर नहीं जा सके, तब संयुक्त श्रमिक संघ बैनर तले कर्मियों ने रैली निकाल कर सीईओ के घर चले गए। बताया जा रहा है कि रास्ते में पुलिस ने रोक लिया और वहीं ज्ञापन ले लिया। इसके बाद मजदूर थाना पहुंच कर गिरफ्तारी देने का प्रयास किए, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया। इसके बाद सभी यूनियन प्रतिनिधि व मजदूर बाल्को के परसाभाठा गेट, मटेरियल गेट समेत सभी गेट के समक्ष धरने पर बैठ कर विरोध प्रदर्शन करने लगे।

इस बीच पुलिस के अधिकारियों ने समझाइश देने का प्रयास किया, पर मजदूर अपनी मांग पर अड़े रहे। रात नौ बजे तक भीड़ को तितर- बितर करने आखिरकार पुलिस को लाठी भांजनी पड़ी। तब श्रमिकों में हड़कंप मच गया और सभी मार खाने से बचने के लिए इधर उधर भागने लगे। एचएमएस नेता संजू शर्मा ने बताया कि एक पुलिस अधिकारी ने सबसे पहले मजदूरों पर लाठियां बरसाई। न केवल मजदूरों को बल्कि आसपास में ठेले खोमचे लगाने वालों को भी नहीं बक्शा गया। बताया जा रहा है कि इस घटना को लेकर मजदूरों में नाराजगी बढ़ गई है और अब उग्र आंदोलन करने आगे की रूपरेखा तैयार करने जुट गए हैं।

मजदूर चार दिन से संयंत्र के अंदर टूल डाउन आंदोलन कर रहे हैं। इससे संयंत्र का कामकाज भी प्रभावित हो रहा। श्रमिक नेताओं का कहना है कि मान्यता प्राप्त संगठन के सामने वास्तविक स्थिति स्पष्ट करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। प्रबंधन ने उनकी सहमति से ही वेतन वृद्धि में 12 प्रतिशत को घटा कर आठ प्रतिशत किया है। इसी तरह वर्तमान में लाए गए स्कीम तथा पूर्व की एलटीएस के प्रमोशन पालिसी केटेगरी वाइज श्रमिकों के पदनाम क्यों नही हैं। इस बारे में भी कुछ नहीं बताया जा रहा है। मान्यता प्राप्त श्रमिक संघ को आमसभा के माध्यम से पूरी जानकारी दी जानी चाहिए। प्रबंधन बार-बार यही कह रहा कि प्रतिनिधि संघ ही मजदूरों की समस्याओं को उजागर करने व निराकरण के लिए अधिकृत है।

आंदोलनकारी को समझाइश देने का प्रयास किया गया, पर वह नहीं माने। इसलिए उन्हें हटाने का प्रयास किया गया। इस बीच पुलिस और मजदूरों के बीच धक्का-मुक्की व झूमा झटकी हुई। लाठी चार्ज नहीं किया गया हैः- भूषण एक्का, सीएसपी कोरबा।

Spread the word