जिले में 2200 प्रति क्विंटल की दर पर धान की खरीदी

कोरबा 12 दिसम्बर। जिले में खरीफ सीजन 2023-24 की धान खरीदी केंद्र सरकार के द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2200 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर हो रहा है। जिले में 50 हजार से ज्यादा किसानों ने अपनी पैदावार बेचने के लिए पंजीकरण कराया हुआ है। मौजूदा स्थिति में सभी प्रकार की प्रक्रियाएं ऑनलाइन संचालित हो रही है। निर्धारित राशि के हिसाब से किसानों को उनके द्वारा लाई गई धान की मात्रा का भुगतान ऑनलाइन प्रक्रिया से किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ हुई भाजपा ने चुनाव के दौरान धान खरीदी के लिए जो घोषणा की थी, उसके लिए फिलहाल दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। संभवतः सरकार के शपथ ग्रहण के कुछ दिनों के बाद पूरी तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।

अलग-अलग प्रकार के खाद्यान्न की खरीदी के लिए भारत सरकार ने भिन्न-भिन्न समर्थन मूल्य निर्धारित किया हुआ है। मांग समेत कई प्रकार के फैक्टर इसमें शामिल होते हैं और इसके अनुपात में नए प्रावधान का समावेश समय के साथ किया जाता है। मौजूदा स्थिति में छत्तीसगढ़ सहित उन सभी राज्यों के लिए जहां धान की पैदावार होती है, उपार्जन हेतु 2200 रुपए प्रति क्विंटल की दर तय है। 1 नवंबर से कोरबा जिले में 65 उपार्जन केंद्रों में खरीदी का काम प्रारंभ किया गया। शुरुआती तैयारियों की श्रृंखला में 50 हजार से अधिक किसानों ने अपना पंजीकरण पैदावार बेचने के लिए कराया। इनमें से 7500 की संख्या पिछले वर्ष की थी जबकि अलग-अलग आधार पर काफी किसानों के नाम निरस्त किये गए हैं। जानकारी के मुताबिक धान खरीदी का पूरा काम ऑनलाइन तरीके से संचालित हो रहा है। टोकन काटने के साथ ही किसान द्वारा लायी गई मात्रा की गणना और न्यूनतम समर्थन मूल्य के हिसाब से उसके सकल भुगतान को ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर की व्यवस्था डिस्प्ले करती है। इसमें यह चीज भी दर्शायी जाती है कि संबंधित किसान का कितना कर्ज है। मौजूदा मिलने वाली राशि से उसकी कटौता का विकल्प भी दिया गया है। इसके हिसाब से शुद्ध राशि का भुगतान किसान को किया जाना है।

बताया गया कि वर्तमान स्थिति में किसानों से धान की खरीदी न्यूनतम एमएसपी के तौर-तरीके से ही की जा रही है। कारण यह है कि सहकारी बैंक सहित त्रिस्तरीय खरीदी व्यवस्था के अंतर्गत जो साफ्टवेयर डेवलप किया गया है उसमें प्रावधान इसी प्रकार के हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के द्वारा किसानों के लिए प्रति क्विंटल धान खरीदी के पीछे अलग-अलग घोषणाएं की गई थी, जिनका अपना आकर्षण रहा। जानकारी के अनुसार बढ़ी हुई राशि का भुगतान कब तक और कैसे किया जाएगा, इस बारे में फिलहाल दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण व सामान्य रूप से कामकाज शुरू करने के साथ इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही की जा सकती है। जबकि इस बात की घोषणा भी की जा चुकी है कि लंबित दो वर्ष के बोनस का भुगतान भी जल्द ही किसानों को किया जाएगा।

कुदुरमाल धान खरीदी केंद्र में काफी मात्रा में धान खरीदा गया है। फड़ प्रभारी के मुताबिक अब तक स्थिती में यहां 14 किसानों ने अपना धान बेचा है जिसकी मात्रा 544 क्विंटल है। यहां कुल 765 किसान पंजीकृत है जिनसे 36 हजार क्विंटल धान खरीदना है।

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