जिले के उपार्जन केंद्रो में धान उठाव शुरू
कोरबा 21 नवम्बर। जिले के उपार्जन केंद्रो में धान खरीदी को लेकर भले ही प्रगति न आई हो लेकिन विपणन विभाग ने उठाव शुरू कर दिया है। शासन ने प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी का निर्णय लिया है। उपार्जन केंद्रों में धान रखने के लिए जगह कम पड़ने की आशंका को देखते हुए अभी से उठाव किया जाने लगा है। खरीदी कार्य शुरू होने के 20 दिन के भीतर 2,760 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है।
धान खरीदी में इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों के घोषणा पत्रों का प्रभाव देखा जा रहा है। बड़े राजनैतिक दलों ने अपनी जीत सुनिश्चत करने के लिए किसानों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कर्ज माफ, 20 से 21 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदी, एक मुश्त राशि का भुगतान, दो साल का बोनस, प्रति क्विंटल 3,100 रूपये भुगतान जैसे वायदों के बीच अब किसान सरकार गठन का इंतजार कर रहे हैं। धान उपार्जन को सुविधाजनक बनाने के लिए शासन ने इस बार भी पांच नए केंद्रों को स्वीकृति दी है। आम तौर पर धान उपार्जन शुरू होने के पखवाड़े भर बाद खरीदी में तेजी आ जाती थी लेकिन इस बार नए सरकार गठन के इंतजार में धान बिक्री से दूरी बना रखी है।
धान बेचने के लिए वे ही किसान आ रहे हैं जिन्होने बिना ऋण लिए खेती की है। ऋणी किसानों को कर्जा माफी का इंतजार है। बताना होगा कि इस वर्ष खेती में मानसून का साथ होने की वजह बंफर फसल की संभावना व्यक्त की जा रही है। तीन दिसंबर के बाद धान खरीदी में तेजी आएगी। धान खरीदी के दौरान उपार्जन केंद्रों धान रखने के लिए जगह कम पडने की संभावना को देखते हुए जिला विपणन विभाग ने अभी से उठाव शुरू कर दी है। धान खरीदी में बिचौलियों सक्रियता को रोकने के लिए इस बार बायोमिट्रिक डिवाइस से धान खरीदी की जा रही है। रकबा सत्यापन के बाद भी किसानों के धान की खरीदी होगी। सोमवार को 880 क्विंटल धान का उठाव किया गया। 65 में 41 केंद्र अभी भी बोहनी से दूर हैं।
धान को ड्रेनेज में रखना अनिवार्य होगा। इसके अलावा प्रत्येक किस्म के धान को अलग अलग लाट में रखने की हिदायत दी गई है। इससे पहले जिस तरह से धान के लाट को बेतरतीब रखे जाने से उठाव के समय अतिरिक्त समय लगता था। लाट में धान रखने से उठाव में सुविधा होगी। खरीफ वर्ष 2023-24 में 25 लाख क्विंटल धान की खरीदी की जानी है। शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक बीज की सुरक्षा की जिम्मेदारी समितियों की रहेगी।
धान की सुरक्षा, हमाल से काम करवाने व किसानों की आवश्यक सुविधा के लिए शासन की ओर प्रत्येक क्विंटल के दर से 12 रूपये सुरक्षा राशि जारी की जाएगी। उक्त राशि में से पिछली धान खरीदी के दर से तीन रूपये जारी किया गया है। इस आशय से किसानों से धान पलटी हमाल से ही कराया जाएगा। समिति प्रबंधक धान की खरीदी के लिए के लिए किसानों से काम नहीं ले सकेंगे। उपार्जन केंद्र में धान की कीमत संबंधित फ्लैक्स, विद्युतीकरण, पेयजल सुविधा आदि सुनिश्चत करने के लिए प्रबंधकों से कहा गया है। अव्यवस्था की स्थिति में किसानों द्वारा शिकायत किए जाने पर प्रशासन स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
जिले में इस वर्ष पांच नए उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें चिर्रा, कुदमुरा, नवापारा, बक्साही के नवापारा शामिल है। दो वर्ष पहले जिले के 49 उपार्जन केंद्रों में खरीदी हो रही थी। 16 नए केंद्रों के अस्तित्व में आने से अब धान खरीदी की संख्या 65 हो गई है। नए केंद्रों के खुलने से किसानों को लंबी दूरी तय करने की समस्या से मुक्ति मिल रही है, साथ ही परिवहन खर्च कम हो गया है। धान की सुरक्षा के लिए शेड, चबूतरा व गोदाम निर्माण की प्रक्रिया अभी भी शुरू नहीं की गई है। उपार्जन केंद्रों में धान बिक्री के लिए पहुंचे किसानों के लिए बैठक की भी सुविधा नहीं है।
नए खरीफ वर्ष में धान 25 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित है। उपार्जित धान को रखने के लिए 62 लाख बारदानों की आवश्यकता होगी। बीते वर्ष की तरह इस साल भी नए और पुराने बारदानों में खरीदी होगी। विपणन विभाग 34.50 लाख नए बारदाने उपलब्ध हैं। अगस्त माह से अब तक 11 लाख पुराने बारदानों का संग्रहण किया जा चुका है। वर्तमान में कुल उपलब्ध बारदाने 45.50 लाख हैं। अभी भी आवश्यकता की तुलना में 16.50 लाख बारदाने कम हैं। दो साल पुराने बारदानों में उपयोगी ढूंढ़ना मुश्किल हो गया है। जीर्ण बारदानों में भराई से धान बिखरने की आशंका बनी है।