11 वां वेतन समझौता अब डीपीई के पाले में, 27 को चेयरमैन ने बुलाई बैठक
शुरु हो गई हड़ताल की तैयारी, आज करेंगे गेट मीटिंग
कोरबा 21 सितंबर। कोयला कामगारों को 11 वां वेतन समझौता पर आए उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद कोयला मंत्रालय ने प्रस्ताव डिपार्टमेंट आफ पब्लिक इंटरप्राइजेस ;डीपीईद्ध को भेज दिया। इसेक साथ ही हड़ताल को टालने के लिए कोल इंडिया ने पहल शुरू कर दी और चेयरमैन ने श्रमिक संघ प्रतिनिधियों की 27 सितंबर को बैठक बुलाई है।
जुलाई 2021 से लंबित कोयला कामगारों का 11 वां वेतन समझौता पर 20 मई 2023 को जेबीसीसीआइ की बैठक में सहमति बनी और इसके बाद जून माह में मिलने वाला वेतन बढ़े हुए दर पर भुगतान किया गया। वहीं 23 माह का लंबित एरियर का भुगतान अगस्त के वेतन के साथ माह सितंबर में एकमुश्त प्रदान किया गया। कर्मचारी अभी इसकी खुशी ठीक से मना नहीं पाए थे कि अधिकारियों ने वेतन समझौता को डीपीई गाइड लाइन का उल्लंघन बताया और अधिकारियों से अधिक वेतन होने का विरोध जताते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर मध्य प्रदेश बिलासपुर छत्तीसगढ़ व दिल्ली में याचिका दायर कर दी। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद वेतन समझौता को रद्द कर डीपीई को भेजने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही 60 दिन के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया। इसके साथ ही वेतन समझौता का मामला अटकता दिखाई पडऩे लगा है।
श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने बैठक कर अधिकारियों की कार्यप्रणाली की न केवल निंदा की, बल्कि तीन दिवसीय हड़ताल की चेतावनी दे दी है। इधर कोयला मंत्रालय के अवर सचिव अरविंद कुमार ने डीपीई के सचिव व निदेशक को पत्र लिख कर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष दायर मामले का संदर्भ लेने कहा है। साथ ही कहा है कि याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि हाल ही में लागू एनसीडब्ल्यू.11 डीपीई के 24 नवंबर, 2017 के दिशानिर्देश के खंड चार और पांच का उल्लंघन है। कामगारों का वेतनमान अफसरों से अधिक नहीं हो सकता है। कोल इंडिया लिमिटेड ने कोयला मंत्रालय को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, इसके कारण मंत्रालय द्वारा एनसीडब्ल्यू,11 की पुष्टि की गई है।
उच्च न्यायालय ने कोयला मंत्रालय की 22 जनवरी, 2023 की मंजूरी रद्द कर दी गई है। इसलिए उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निर्णय लेने के लिए मामला डीपीई को भेजा गया है। इसके साथ ही अब गेंद डीपीई के पाले में पहुंच गई है। चूंकि 60 दिन के भीतर निर्णय लेना है, इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही बैठक कर डीपीई इस मुद्दे पर कोई निर्णय लेगा। एचएमएस के महामंत्री व जेबीसीसीआइ सदस्य नाथूलाल पांडेय ने बताया कि वेतन में कटौती होने पर कोयला उद्योग में तीन दिवसीय हड़ताल होना तय है। हालांकि प्रबंधन ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया है और कोल इंडिया चेयरमैन ने श्रमिक संघ प्रतिनिधियों की बैठक दिल्ली में 27 सितंबर को बुलाई है। संभावना जताई जा रही है कि बैठक में इस समस्या पर मंथन कर कुछ निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रबंधन को कोई न कोई रास्ता निकालना होगा। बैठक में कर्मचारी हित पर ही चर्चा की जाएगी।
पांचों श्रमिक संघ एचएमएस, बीएमएस, सीटू, इंटक व एटक ने संयुक्त रूप से पांच अक्टूबर से तीन दिवसीय हड़ताल का निर्णय लेकर कोल इंडिया को नोटिस थमा दी है। इसके साथ ही इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। पहले चरण में 21 व 22 व सभी खदान क्षेत्र में श्रमिक संघ प्रतिनिधि जनजागरण अभियान चलाएंगे। इस दौरान कर्मचारियों को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देने के साथ ही आंदोलन में शामिल होने के लिए आह्वान करेंगे। इसके बाद तीन अक्टूबर को कंपनी मुख्यालय स्तर पर प्रदर्शन व सभा होगी। इस बीच समस्या का निदान नहीं निकलने पर हड़ताल होना तय है।