ग्रामीण क्षेत्रों में पोला तिहार की रही धूम, पशुधन की हुई पूजा
कोरबा 14 सितम्बर। छत्तीसगढ़ में भाद्रपद मास का पोला तिहार उल्लास और उमंग के साथ अमावस्या को मनाया जा रहा है। ग्रामीण परिवेश के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में भी इसके नजारे देखने को मिले। मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में कदमताल करने वाले वर्ग ने पशुधन की पूजा की। स्थानीय बाजार में मिट्टी की बैल के अलावा संबंधित खिलौने जमकर बिके।
खरीफ सीजन की फसल से जुड़े प्राथमिक कार्यों से निवृत्त होने के साथ कृषक अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए इस प्रकार के त्योहार से सीधे जुड़ते हैं। छत्तीसगढ़ समेत आसपास के कई राज्यों में ऐसे पर्वों को मनाने की परंपरा सदियों से बनी हुई है जिसका निर्वहन अभी भी किया जा रहा है। भाद्रपद अमावस्या को छत्तीसगढ़ में पोल तिहार पर सरकार ने अवकाश घोषित किया। इसके साथ ही कई तरह की सुविधाएं भी दी गई। सुबह किसानों के द्वारा अपने पशुधन को नहलाने.धुलाने के साथ उनकी आरती उतारी गई। घरों पर बनाए गए विशेष व्यंजन उन्हें समर्पित किये गए। इसके साथ ही वर्ष भर उनकी सेवाएं लेने के लिए कृतज्ञता भी जताई गई। कोरबा जिले के पांच विकासखंड के अंतर्गत अनेक ग्रामों और शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में पोला पर कई ऐसे आयोजन किये गए जिनमें किसानों ने अपनी भागीदारी दर्ज कराई। उन्होंने बतााया कि कई पीढिय़ों से ये परंपराएं समाज का हिस्सा है और इन्हें लगातर मजबूती दी जा रही है।