16 अगस्त से जनता के लिए खुलेगा राष्ट्रपति भवन का ‘अमृत उद्यान’

कमल दुबे द्वारा

नईदिल्ली। राष्ट्रपति भवन में स्थित ‘अमृत उद्यान’ 16 अगस्त से एक महीने तक आम जनता के लिए खुला रहेगा। राष्ट्रपति सचिवालय ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि उद्यान उत्सव-II के तहत ‘अमृत उद्यान’ 16 अगस्त से एक महीने (सोमवार को छोड़कर) के लिए जनता के लिए खुला रहेगा। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग 7 अगस्त 2023 से शुरू होगी।

इस बार क्या होगा खास ?

5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने के लिए अमृत उद्यान विशेष रूप से शिक्षकों के लिए खुलेगा। उद्यान उत्सव-II का उद्देश्य आगंतुकों को ग्रीष्मकालीन वार्षिक फूलों का प्रदर्शन करना है। पर्यटक सुबह 10 बजे से सांय 5 बजे तक (अंतिम प्रवेश सांय 4 बजे) बगीचों का दौरा कर सकते हैं।

नॉर्थ एवेन्यू के पास गेट नंबर 35 से होगा प्रवेश

प्रवेश नॉर्थ एवेन्यू के पास राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 35 से होगा। बुकिंग 7 अगस्त, 2023 से राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट visit.rashtrapatibhavan.gov.in/ पर ऑनलाइन की जा सकती है। वॉक-इन आगंतुक गेट नंबर 35 के पास स्थित सेल्फ सर्विस कियोस्क से पास प्राप्त कर सकते हैं। अमृत उद्यान में प्रवेश निःशुल्क है।

ऑनलाइन बुकिंग से होगी सहूलियत

इससे पहले अमृत उद्यान को इस वर्ष 29 जनवरी से 31 मार्च तक उद्यान उत्सव-I के तहत खोला गया था, जिसे 10 लाख से अधिक लोगों ने देखा था। पर्यटक ऑनलाइन स्लॉट बुक करके राष्ट्रपति भवन संग्रहालय भी देख सकते हैं। ऑनलाइन स्लॉट बुक करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। सरकारी स्कूलों के छात्र उद्यान उत्सव-द्वितीय के दौरान संग्रहालय का निःशुल्क दौरा कर सकते हैं।

स्लॉट की क्षमता में वृद्धि

ज्ञात हो, इस साल राष्ट्रपति भवन को अधिक से अधिक लोगों के लिए सुलभ बनाने के लिए स्लॉट की क्षमता भी बढ़ाई गई है, जिसके कारण सप्ताह के दिनों में 12,500 और सप्ताहांत में करीब 17,500 लोग ‘अमृत उद्यान’ देख सकेंगे।

15 एकड़ में फैला है ‘अमृत उद्यान’ 

गौरतलब हो, मुगल गार्डन को अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाता है। स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के समारोह के अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में, राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन उद्यानों को ‘अमृत उद्यान’ के रूप में एक सामान्य नाम दिया था। उद्यान के बाहर अमृत उद्यान नाम का साइन बोर्ड भी लगा हुआ है। राष्ट्रपति भवन परिसर में  करीब 15 एकड़ में फैला ये बगीचा 1928-29 में बना था।

अमृत उद्यान में भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों का योगदान

बताना चाहेंगे, अमृत उद्यान को और भी बेहतर और दिलकश बनाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और राम नाथ कोविंद  के निर्देश पर हर्बल गार्डन, दृष्टिहीनों के लिए टैक्टाइल गार्डन, बोनसाई गार्डन और आरोग्य वनम जैसे कई बगीचे इसमें जोड़े गए थे। डॉक्टर कलाम के पहले और बाद के राष्ट्रपतियों ने भी इस अमृत उद्यान को और खूबसूरत बनाने में योगदान दिया है।

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