ब्राह्मण अंतर्राष्ट्रीय महासंघ- सन्त महासभा ने राज्यपाल औऱ मुख्यमंत्री को दस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा, पढ़िये क्या है मांगें

रायपुर 3 सितम्बर। ब्राह्मण अंतर्राष्ट्रीय महासंघ एवं श्री सन्तमहासभा के संयुक्त तत्वावधान में आज महा मंडलेश्वर स्वामी राजेश्वरानंद (प्रदेशअध्यक्ष सन्तमहासभा), आचार्य डॉ कीर्तिभूषण पाण्डेय (केंद्रीय अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्राह्मण अंतर्राष्ट्रीय महासंघ), स्वामी गौतमा नन्द(प्रदेश उपाध्यक्ष सन्त महासभा ), भागवताचार्य पँ अजयशरणं देवाचार्य, पँ लक्ष्मीकांत शर्मा, पँ आकाश शर्मा, सुश्री सौम्या एवं रमादेवी ने महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, कलेक्टर रायपुर एवं थाना प्रभारी को दस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई है कि- (1) महाराष्ट्र के पालघर में साधु संतों की नृशंश हत्या की जांच, तथा झूठे आरोपों से उनकी मुक्ति (2) सन्त एवं ब्राह्मण आयोग गठित करने की मांग, (3) कोरोना महामारी के चलते विभिन्न जेलों में बंद किये गए साधू संतों की तत्काल निःशर्त रिहाई की जावे, (4) साधु संतों और ब्राह्मणों को झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने, उन्हें अपराधी तत्वों द्वारा दिये जा रहे जान माल की धमकी देने वालों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्यवाही हो, (5) मंदिरों एवं देवी देवताओं की सुरक्षा हेतु तत्काल ठोस कदम उठाए जावें (6) फ़िल्म, TV और वेब सीरीज में हिन्दूधर्म, देवी देवताओं,साधु संतों और ब्राह्मणों के विरुद्ध दुष्प्रचार पर तत्काल प्रभावी रोक लगाकर, सम्बंधित निर्माता,निर्देशकों व कलककरो के विरुद्ध तत्काल प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जावे, (7) हिंदी, अंग्रेजी, छत्तीसगढ़ी व अन्य प्रादेशिक भाषा के फिल्मों में हिन्दू धार्मिक स्थलों, देवी देवताओं पर व्यर्थ के अपमान, हंसी मजाक व मस्ती तत्काल बंद किया जावे, हम और बर्दास्त नहीं करेंगे।, (8) कुछ स्वयम्भू लोगों के द्वारा नया धर्म चलाने, हिन्दू समाज में तोड़फोड़ करवाने, धार्मिक व सामाजिक दंगा कराने और हिन्दू देवी देवताओं के विरुद्ध अनर्गल प्रलाप करने वालों के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा चलाया जावे, उन्हें जेल या पागलखाने में भेजा जावे।, (9) महंत्तो, पुजारियों, पुुरोहितों, साधु संतों को प्रति व्यक्ति 5000/-₹ का मानदेय तथा मंदिरों व मठों को वित्तीय/आर्थिक सहायता, निःशुल्क तीर्थयात्रा और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराया जावे (10) गौसेवा आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी ग्रामो,नगरों के सभी वार्डों व मुहल्लों में सरपंच व पार्षदों की देखरेख में एक एक गौशाला निर्माण किया जाना सुनिश्चित किया जावे,जिसमें सड़कों पर लावारिस घूम रहे गौवंश को आवश्यक सुरक्षा,चारा व सर्व सुविधा युक्त शेड उपलब्ध हों। अन्यथा गौसेवा आयोग का कोई औचित्य नहीं होगा। मुख्य मंत्री के नरवा,घुरूवा,गरुवा और बारी का भी कोई महत्व नहीं होगा। आज अधिकतर लोग भी इतने स्वार्थी हो गए हैं कि अपने गाय के कोठों से गायों को निकाल कर व भगा कर वहांपर स्वयं रहने लग गए है। मजबूर गाय लोग सड़कों पर आकर स्वयं भी मोटर गाड़ी से जख्मी होते हैं तथा बाइक व बड़ी गाड़ी चलाने वालों का भी दुर्घटना भय सड़क पर बना रहता है। उक्त जानकारी सन्त महासभा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी राजेश्वरनन्द तथा इसके संरक्षक व ब्राह्मण अंतर्रा ष्ट्रीय महासंघ के केंद्रीय अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य डॉ कीर्तिभूषण पाण्डेय ने दिए।

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