नवीन शैक्षणिक सत्र शुरू: बारिस से स्कूलों की छत से टपक रहा पानी, पहले दिन शाला प्रवेशोत्सव की तैयारी रही फीकी
कोरबा 27 जून। 26 जून को स्कूलों के पट खुल गए। सुबह से हो रही वर्षा ने स्कूलों की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। जिले के 50 प्रतिशत स्कूलों के सिपेज के कारण छत से पानी टपक रहे। साथ ही प्लस्तर उखडऩे के कगार पर हैं। पूर्व तैयारी के अभाव में पहले दिन शाला प्रवेशोत्सव की तैयारी फीकी रही। प्राथमिक शाला मातिन स्कूल में केवल एक विद्यार्थी पहुंचा । वहीं शहर के गोकुल नगर प्राथमिक शाला में मरम्मत नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को रिसते छत वाले कक्ष में बैठना पड़ा।
नवीन शैक्षणिक सत्र की शुरूआत इस बार दस दिन देर से शुरू हुई है। तेज धूप के कारण शासन ने समय सीमा 16 के बजाए 26 जून कर दिया। 10 दिन अतिरिक्त समय मिलने के बाद भी बच्चों के प्रवेशोत्सव की तैयारी नहीं की गई। जिला शिक्षा विभाग ने इस बार स्पष्ट कर दिया था कि संकुल के अलावा स्कूलों में शाला प्रवेशोत्सव आयोजित करना है। इसके अलावा स्कूलों में गणवेश व पुस्तकें भी पहुंचा दी गई। तैयारी को लेकर जिला शिक्षा विभाग जानकारी नहीं लिए जाने की वजह से शिक्षकों की मनमानी जारी रही है। दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की उपस्थिति भी अधूरी रही है। बच्चों की तरह शिक्षकों ने भी यह मानसिकता बना ली है कि शैक्षणिक सत्र की शुरूआत एक जुलाई से होगी। सरकारी गाइड लाइन के अनुसार शिक्षकों की टीम बना कर बच्चों को शाला प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करना है। शहरी क्षेत्र में अभी तक टीम गठित नहीं की गई है। ऐसे शाला प्रवेशोत्सव में अभिभावकों की सहभागिता फीकी रही है। अव्यवस्था व वर्षा के कारण जहां स्कूलों में शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति कम रही। बहरहाल स्कूलों में आगामी जुलाई माह तक प्रवेशोत्सव जारी रहेगा। ग्रीष्म काल में स्कूल भवन मरम्मत नहीं कराए जाने की वजह शाला प्रवेशोत्सव की तैयारी पहले दिन औपचारिक ही रही।
शिक्षा के अधिकार के तहत जिले के 296 निजी स्कूलों में 2,346 सीट हैं। इन सीटों के लिए शिक्षा विभाग को कुल 7,225 आवेदन मिले थे। लाटरी सिस्टम से योग्य विद्यार्थियों का चयन किया गया है। चयनित विद्यार्थी 30 जून तक दाखिला ले सकेंगे। निर्धारित तिथि के बाद दाखिला नहीं लिए जाने पर सीट को रिक्त माना जाएगा। द्वितीय चरण के लिए आवेदन एक जुलाई से ली जाएगी। 15 जुलाई अंतिम तिथि होगी। 27 जुलाई से दो अगस्त बीच लाटरी निकाली जाएगी। चयनित विद्यार्थी 14 अगस्त तक प्रवेश ले सकेंगे। जिले के प्राथमिक व माध्यमिक शाला में शिक्षा के अधिकार के अनुरूप सेटअप तय कर रखा है। नियम के अनुरूप प्राथमिक शाला में दो व मिडिल स्कूलों में प्रधान पाठक सहित तीन शिक्षकों का सेटअप है। शिक्षकों की पदोन्नति व सेवानिवृत्ति के कारण अब भी ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक में 312 व मिडिल स्कूलों में 116 शिक्षकों की कमी बरकरार है। एकल शिक्षक की समस्या से जिले को अभी तक मुक्ति नहीं मिली है। शिक्षकों की कमी इस वर्ष भी जारी रहेगी। शिक्षकों को प्रधानपाठक के पद पर पदोन्न्त एकल शिक्षकीय स्कूल में देना था। नियम विरूद्ध पदोन्न्ति के कारण एकल शिक्षक स्कूल की समस्या समाप्त नहीं हुई है। आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में शिक्षक पद के लिए केंद्रीय बोर्ड सीबीएसई से उत्तीर्ण शिक्षकों को ही मान्यता दी जा रही है। शिक्षकों के अभाव में विभाग के ही शिक्षकों से अध्यापन कार्य लिया जा रहा है। जिन स्कूलों के शिक्षकों को आत्मानंद स्कूल भेजा जा रहा है वहां के विद्यार्थी शिक्षक की कमी से जूझ रहे हैं। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बढ़ावा देने के लिए भले आत्मानंद स्कूल को संचालन किया जा रहा है लेकिन शिक्षकों की नियमित भर्ती नहीं किए जाने विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
जिला शिक्षा विभाग की ओर शाला प्रवेशोत्सव के पहले दिन निरीक्षण टीम गठित की थी। कोरबा विकासखंड ग्राम भटगांव के प्राथमिक शाला में पहले दिन एक भी शिक्षक नहीं पहुंचे। विद्यालय को रसोइया ने खोला था। शिक्षकों के अनुपस्थिति के बच्चों को वापस लौटना पड़ा। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी से कहा है। रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। एक ओर स्कूलों में संसाधन की कमी के कारण बच्चों असुविधा का सामना करना पड़ रहा है वहीं ऐसे भी स्कूल हैं जहां पहले दिन स्कूला पहुंचे बच्चों का शिक्षकों ने उत्साहवर्धन किया। माध्यमिक शाला बरेलीए मड़वाढ़ोढ़ा में आगंतुक बच्चों का मुंह मीठा कराया गया। बच्चों ने वेलकम बेक स्कूल पोस्टर के साथ शिक्षकों का सम्मान किया। पहले दिन ही बच्चों को पुस्तकें व गणवेश प्रदान की गई।