विश्व रेडक्रास दिवस विशेष: निष्क्रिय है कोरबा जिला शाखा
गतिविधियां तो दूर, तीन साल से एक बैठक भी नहीं हुई
कोरबा 7 मई। जिला रेडक्रास सोसायटी कोरबा पिछले 3 साल से ताले में बंद है। न तो संस्था की इस अवधि में कहीं कोई गतिविधि देखने में आई और ना ही आम लोगों को रेडक्रॉस सोसाइटी से कोई लाभ मिलता नजर आया है।
आपको बता दें कि रेडक्रॉस सोसायटी का मुख्य उद्देश्य जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा करना और मानव के प्रति सम्मान सुनिश्चित करना है। यह सभी लोगों के बीच पारस्परिक समझ, मित्रता, सहयोग और स्थायी शांति को बढ़ावा देता है। समुदाय को आपदा, उनके कारण और आपदा के प्रभाव को कम करने के बारे में जागरूक बनाता है। भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी ने उसके सहयोगियों (IFRC और ICRC) के समर्थन के साथ, देश की आपदा के खतरों वाले राज्यों में जिला स्तर पर प्रथम मेडिकल प्रत्युत्तर (FMRs) का एक कैडर विकसित करने का एक कार्यक्रम शुरू किया है। आपदा और अन्य आपात स्थितियों (सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति सहित) के समय रेड क्रॉस के स्वयंसेवकों और समुदायों की आपातकालीन सेवाओं की क्षमता को बढ़ाता है।
रेडक्रास सोसायटी वह संस्था है जो यदि कोई आपदा आती है, तो प्रशासन के लिए उस ’कीमती समय’ में जिसमे लोगों का जीवन बचाया जा सकता है समर्थन देना संभव नहीं है, तो स्थानीय लोगों (ग्रामीणों) को आपदा के नुकसान को कम करने के लिए जीवन बचाने के कौशल से तैयार करता है। स्थानीय योजनाओं और कार्यक्रम जैसे मनरेगा, वाटरशेड प्रबंधन, स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने, स्वच्छ भारत अभियान आदि में समुदाय को शामिल करने के लिए स्थानीय योजनाओं और कार्यक्रम में सहयोग करता है। साथ ही समुदाय के साथ मॉक ड्रिल, बैठकों, स्पर्धाओं, प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियों द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर पारस्परिक विचार-विमर्श करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
जानकार सूत्रों के अनुसार रेड क्रॉस सोसाइटी की कोरबा जिला शाखा पिछले 3 वर्षों से पूरी तरह निष्क्रिय है। इस अवधि में सोसाइटी की कोई भी गतिविधि देखने में नहीं आई है। इतना ही नहीं बताया तो यह भी जा रहा है की इस अवधि में सोसाइटी की एक अदद बैठक भी आयोजित नहीं की गई है। ज्ञात हो कि राज्य के महामहिम राज्यपाल इसके अध्यक्ष हैं और जिले मे कलेक्टर पदेन अध्यक्ष हैं। इस महत्वपूर्ण संस्था को निष्क्रिय क्यों बना दिया गया? यह एक बड़ा सवाल है।