अक्षय तृतीया पर विवाह के छह लग्नों का संयोग, बाजार में बनी रौनक
कोरबा 22 अप्रैल। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया के अवसर पर अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाएगा। छह शुभ योग में भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। विवाह के लिए स्वाभाविक लग्न माने जाने के कारण इस दिन को विवाह के लिए अति शुभ माना जाता है। इसे लेकर बाजार में रौनक बनी हुई है। जमकर खरीदारी का दौर चल रहा है। शहर व उपनगरीय क्षेत्रों में भगवान परशुराम जयंती पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के आयोजित किए जाएंगे।
अबूझ मुहुर्त मे ही बह्मदेव ने सृष्टि की रचना की थी। इस पर्व में स्वर्णए धान के दान का विशेष महत्व है। इससे जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य मूलचंद शास्त्री ने बताया कि इस बार अक्षय तृतीया बेहद खास है, क्योंकि इस दिन त्रिपुष्कर योग, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। इन योगों में विवाह आयोजनों की भरमार रहेगी। इसके लिए लोगों बैंड बाजा, बारातघर, बाराती बस, टेंट आदि को पहले से ही बुक करा लिया है। खरीदारी के लिए सराफा, बर्तन, इलेक्ट्रानिक, होजियरी आदि दुकानों में जमकर खरीदारी के साथ अक्षय तृतीया को लेकर बाजार में रौनक छाई हुई है।
बताना होगा की खरमास की वजह से मार्च और अप्रैल माह में विवाह मुहुर्त की कमी थी। जिसका सीधा असर व्यवसाय पर पड़ा। अबूझ मुहुर्त में विवाह आयोजना की भरमार होने से खरीदारी को लेकर व्यवसाइयों के चेहरे में रौनक देखी जा रही है। वही विभिन्न संगठनों द्वारा भगवान परशुराम की जयंती पर रैली निकालने के साथ ही धार्मिक अनुष्ठान संपादित किए जाएंगे। सर्व ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे। जिसकी तैयारी जोर शोर से चल रही है। इस दिन गुड्डे.गुडिय़ों का प्रतीक मानकर तालाब, कुंआ, वृक्ष आदि की शादी कराने की भी अक्षय तृतीय बाल विवाह आयोजित किए जाते हैं। जिसे रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और चाइल्ड लाइन केयर ने विशेष टीम गठित की है। जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रीति खोखर चखियार ने बताया कि इस वर्ष 18 से भी अधिक बाल विवाह आयोजन को रोके जा चुके हैं। बाल विवाह कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं। उन्होने से आंगनबाड़ी के कार्यकर्ता व सहायिकाओं को नाबालिगों के विवाह होने पर सूचना देने के लिए कहा है।