महावीर स्वामी का 2622 वां अवतरण दिवस मनाया गया, निकाली शोभायात्रा

कोरबा 03 मार्च। प्राणी मात्र के प्रति दया और अहिंसा की भावना को महत्व देने वाले महावीर स्वामी का 2622वां अवतरण दिवस चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को मनाया गया। देश और दुनिया के साथ कोरबा में सकल जैन समाज ने यहां शोभायात्रा निकाली। कोरबा नगर और उपनगरीय क्षेत्र से संबंधित जैन धर्मावलंबियों की भागीदारी इस कार्यक्रम में सुनिश्चित हुई।

अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय पुराना बस स्टैंड से पूजा अर्चना के साथ शोभायात्रा का शुभारंभ हुआ। एक रथ पर भगवान महावीर स्वामी की छायाचित्र और उनके सिद्धांतों पर आधारित साहित्य का प्रदर्शन किया गया। उनके द्वारा दी गई शिक्षा को प्रचारित करने वाली झांकियां भी शोभायात्रा में शामिल की गई। इसके माध्यम से जन.जन को सकारात्मक संदेश देने का प्रयास हर बार की तरह किया गया। शोभायात्रा में लोगों के हाथों धर्म ध्वजा थी, जिसे वे लहराते हुए चल रहे थे। कई स्थानों पर सामाजिक संगठनों की ओर से शोभायात्रा का स्वागत किया गया। सकल जैन समाज के अध्यक्ष जेण्केण्जैन ने बताया कि महावीर स्वामी ने जीयो और जीने दो के साथ-साथ श्रेष्ठ आहार शाकाहार का नारा दिया था। इसे आगे बढ़ाने के लिए हम काम कर रहे हैं।

जैन समाज के पदाधिकारी योगेश जैन ने बताया कि इस बार भी धूमधाम से अवतरण दिवस पर कार्यक्रम की योजना बनाई गई है। इसके अंतर्गत तीन दिन से कई सोपान पर काम हो रहे हैं। भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों की प्रासंगिकता अभी भी बनी हुई है और यह विश्व कल्याण के लिए आवश्यक है। ट्रांसपोर्ट नगर के विभिन्न हिस्से का भ्रमण करने के बाद शोभायात्रा जैन मंदिर पहुंची। वहां पर विभिन्न कार्यक्रम संपन्न किए जाने हैं। इस आयोजन को लेकर जैन समाज में उत्साह देखने को महावीर स्वामी के अवतरण दिवस को माध्यम बनाते हुए एक बार फिर मनुष्यों को जीवन के लिए शाकाहार की उपयोगिता और औचित्य बताने का काम किया गया। शाकाहार से होने वाले लाभ और सकारात्मक विचारों की तरंगों के मामले में क्रियाशीलता को भी बढ़ावा दिया गया। वैज्ञानिक अनुसंधान से जुड़ी चीजें भी इसमें शामिल की गईं। अब तक इस तरह की कोशिशों से न केवल भारत बल्कि दुनिया के कई देशों में आबादी का बड़ा हिस्सा शाकाहार की तरफ बढ़ा है और दूसरों को प्रेरित करने का माध्यम बना है।

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