झुंड से अलग हुए लोनर हाथी ने मचाया उत्पात
कोरबा 29 मार्च। जिले के कटघोरा वनमंडल के केंदई रेंज में हाथियों का उत्पात थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां बड़ी संख्या में हाथी विचरण कर रहे हैं। हाथियों के दल में कई लोनर हाथी भी शामिल हैं। बीती रात दल में शामिल एक लोनर हाथी झुंड से अलग होकर परला, लालमट्टा गांव पहुंच गया और जमकर उत्पात मचाते हुए कई ग्रामीणों के फसल को रौंद दिया। वहीं धर्म सिंह एवं सुरेश नामक ग्रामीण के घर को ढहा दिया। इतना ही नहीं वहां रखे घरेलू सामानों को भी भी तहस.नहस कर दिया।
ग्रामीणों द्वारा रात में लोनर हाथी के पहुंचने तथा उत्पात मचाए जाने की सूचना दिए जाने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर उत्पात मचा रहे लोनर को खदेडऩे की कार्रवाई की। वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा खदेड़े जाने पर लोनर ने जंगल का रूख किया तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। लोनर के पुन: लौटने की संभावना को देखते हुए वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी काफी देर तक गांव में ही जमे रहे। जब यह सुनिश्चित हुआ कि लोनर अब लौटकर नहीं आएगा तो वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मुख्यालय लौटे। आज सुबह वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी फिर गांव पहुंचे और रात में हाथियों द्वारा किये गए नुकसानी का आंकलन करने के साथ ही रिपोर्ट तैयार की। ज्ञात रहे यहां सक्रिय हाथियों के दल द्वारा लगातार उत्पात मचाया जा रहा है। हाथियों के उत्पात से ग्रामीण काफी हलाकान हैं। उनके द्वारा प्रशासन व वन विभाग से सुरक्षा की गुहार लगाई जा रही है तथा हाथी समस्या के स्थायी समाधान की मांग भी की जा रही है लेकिन अब तक न तो इस दिशा में वन विभाग भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है न ही प्रशासन। कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में भी 21 हाथी गाड़ागोड़ा व बनिया के जंगल मेें विचरण कर रहे हैं। हाथियों का यह दल फिलहाल शांत है।
हाथियों द्वारा कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया जा रहा है। इस बीच कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज में धरमजयगढ़ क्षेत्र से पहुंचे 15 हाथियों का दल अभी भी कलमीटिकरा के आसपास घूम रहा है। हाथियों के इस दल को आज सुबह यहां के जंगल में विश्राम करते हुए देखा गया। बालको वन परिक्षेत्र के दूधिटांगर व फुटका पहाड़ में भी 20 हाथियों की मौजूदगी बनी हुई है। बड़ी संख्या में हाथियों के विचरण करने से ग्रामीण दहशत में है लेकिन राहत की बात यह है कि काफी दिनों से क्षेत्र में हाथियों की उपस्थिति के बावजूद कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।